दशलक्षण पर्व’ पर नाटिका ‘स्लो पॉइज़न’ का मार्मिक मंचन

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A touching enactment of the play 'Slow Poison' on 'Dasalakshan Parv'
A touching enactment of the play 'Slow Poison' on 'Dasalakshan Parv'

जयपुर। जनकपुरी जैन मंदिर में ‘दसलक्षण पर्व’ के पावन अवसर पर दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर के श्री सन्त सुधासागर कन्या आवासीय महाविद्यालय की बालिकाओं द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक परिवार में चिंतन का विषय बने मोबाइल के बढ़ते उपयोग और उसके दुष्प्रभावों पर आधारित नाटिका ‘स्लो पॉइज़न’ का सशक्त मंचन किया गया।

इस नाटिका में 30 बालिकाओं ने भाग लिया. जिनका नेतृत्व अध्यापिका ज्ञानुमति , रेखा ,अनिता संध्या व रेणु जैन ने किया ।नाटिका की प्रस्तुति इतनी सशक्त थी कि खचाखच भरे सभागार में दर्शकों की तालिया लगातार बजती रही . समाज में बढ़ते अलगाव, मोबाइल और सोशल मीडिया के खतरों के प्रति जागरूकता का संदेश देने के साथ ही बच्चों और युवाओं को यह समझाने का प्रयास किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ रमेश चन्द अरविंद प्रिया साख़ूनियाँ द्वारा चित्र अनावरण व दीपक अरविंद माणकलाल जैन पूना वालों द्वारा उद्घाटन के साथ हुआ । नाटिका में विशेष रूप से यह दर्शाया गया कि सोशल मीडिया पर जो आभासी छवि बनाई जाती है, वह कई बार युवाओं को भ्रमित कर देती है, जिससे वे विवाह जैसे महत्वपूर्ण निर्णय जल्दबाजी में ले लेते हैं और बाद में पछताते हैं।

मोबाइल के इस युग में युवा साथी अपने माता-पिता के प्रति कर्तव्यों की अनदेखी कर रहे हैं। वे अपने ही स्वार्थों में लिप्त रहते हैं और विवाह जैसे गंभीर निर्णयों में माता-पिता के निर्णयों को न मानने के दुष्परिणाम भुगतते हैं। जबकि प्रतिदिन मंदिर जाने, पूजन करने और धर्म के अनुसार आचरण करने वाला परिवार सदा सुखमय जीवन जीता है।

जैन पाठशाला, जैन धार्मिक संस्कार, जैन खानपान से हमारे आचार और विचार किस तरह सकारात्मक रूप से प्रभावित होते है और मद्यपान के सेवन के क्या ख़तरे हैं . भारतीय संस्कृति से जुड़े परिवारों में प्रेम, स्नेह, विश्वास, समर्पण और एकता लंबे समय तक बनी रहती है, जबकि पश्चिमी संस्कृति और मोबाइल की दुनिया में फंसे युवा अपने निर्णयों पर पछताते हुए दिखाई देते हैं ।

कार्यक्रम का संचालन शिखर चन्द जैन द्वारा किया गया तथा मंगलाचरण बालिकाओं ने आचार्य विद्यासागर को वन्दन करते हुए किया । इस नाटिका के दौरान आस-पास की कॉलोनियों के जैन समाज के श्रावक, महिला मंडल ,जैन युवा मंच के अलावा युवा महासभा के अध्यक्ष प्रदीप जैन व महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा , दिगंबर जैन महासभा के पदाधिकारी अनिल जैन , सुरेंद्र पांड्या आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रबंध समिति के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने मार्मिक प्रस्तुति के लिए श्रमण संस्कृति संस्थान के पदाधिकारियों संस्थान से पधारी अध्यापिकाओं , बालिकाओं का तथा पधारे सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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