श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर का बारहवां स्थापना दिवस समारोह आयोजित

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Twelfth Foundation Day Celebration of Shri Karan Narendra Agricultural University, Jobner organized
Twelfth Foundation Day Celebration of Shri Karan Narendra Agricultural University, Jobner organized

जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने वर्षा जल संरक्षण के लिए अधिकाधिक कार्य करने के साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों में इस तरह के शोध और अनुसंधान को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया है, जिससे भारत कृषि क्षेत्र में विश्वभर में अग्रणी बन सके। उन्होंने कहा कि उत्पादन, ग्रेडिंग, पैकिंग के काम घर में ही करने की शिक्षा प्रदान कर किसान हित में अधिकाधिक कदम उठाए जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रसार शिक्षा के अंतर्गत किसानों के लिए क्रियान्व्ति केन्द्र व राज्य सरकार की लाभकारी योजनाओं का अधिकाधिक प्रसार किए जाने पर भी जोर दिया ताकि आम किसान को प्रत्यक्ष उनका लाभ सके।

बागडे शुक्रवार को श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के बारहवें स्थापना दिवस पर संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने विश्वविद्यालय के डेयरी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के भवन का भी लोकार्पण किया।

बागडे ने कहा कि यह समय वर्षा का है। इस बार सभी स्थानों पर अच्छी वर्षा हो रही है। वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए सभी मिलकर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि हर बार अच्छी वर्षा होगी, यह भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए हो रही वर्षा के पानी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन का दौर है। कृषि पर भी बहुत से संकट हैं। इस दौर में अधिकाधिक पौधे लगाकर और प्राकृतिक खेती को अपनाकर ही हम देश का विकास कर सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि खेतों अंधाधूंध रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है। इससे उत्पादित फसल के उपयोग से कैंसर जैसे असाध्य रोग हो रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि प्राकृतिक खेती की ओर लौटा जाए। उन्होंने उद्यानिकी और कृषि में तकनीक के प्रयोग से अधिक उत्पादन का भी आह्वान किया।

बागडे ने कृषि शिक्षा के अंतर्गत युवाओं को खेती के लिए प्रेरित करने। खाद्य प्रसंस्करण और अन्य कृषि उत्पादों में उद्यमिता विकास के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया। उन्होनें कहा कि खेती लाभकारी कैसे हो, इस पर सब मिलकर प्रयास करें।

उन्होनें कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि यह सुखद है कि आजादी से पहले यहां कृषि शिक्षा के लिए इस तरह के प्रयास हुए हैं। उन्होंने खेती और पशुपालन के लिए व्यावहारिक सोच रखते हुए कार्य करने पर जोर दिया। इस अवसर पर राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सी.आर. चौधरी और सांसद श्री राव राजेंद्र सिंह ने भी विचार रखे।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से संवाद किया, कृषि पशुपालन उत्पादों की प्रदर्शनी देखी

राज्यपाल ने इससे पहले कृषि शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि कृषि को स्वयं की उद्यमिता में बदलें। नौकरी की बजाय कृषि क्षेत्र को ही भविष्य के लिए चुनें ताकि देश आपके ज्ञान, अर्जित शिक्षा से कृषि क्षेत्र में अग्रणी बन सके। उन्होंने कृषि और पशुपालन से जुड़े उत्पादों की प्रदर्शनी भी देखी और सराहना की।

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