जिस घर में साफ-सफाई उसी घर में लक्ष्मी का वास : पंडित पुरुषोत्तम गौड़

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जयपुर। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार घर में साफ -सफाई देखकर ही लक्ष्मी प्रवेश करती है। ऋषि -मुनियों के बताए अनुसार लक्ष्मी और दरिद्रता दो बहनें हैं। संध्याकाल में दोनों एक साथ घूमने निकलती हैं। लक्ष्मी उसी घर में प्रवेश करती हैं, जिस घर में साफ-सफाई होती है और जिस घर में गंदगी होती है, उस घर में दरिद्रता प्रवेश करती है। यही कारण है दीपावली से पहले घर की साफ-सफाई की जाती है।

इस बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ कहते है कि घर की कायदे से सफाई दिवाली के समय ही होती है। पुराने जमाने में तो कई-कई दिनों तक घर की सफाई का काम चलता रहता था। हम भारतीय इस त्योहार से पहले साफ सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखते हैं। धार्मिक के अलावा सफाई किए जाने का दूसरा कारण यह है कि बारिश के बाद मकानों में नमी आ जाने से कीड़े-मकोड़े पनप जाते हैं। इस लिए सफाई करने का महत्व है।

टूटी-फूटी चीजें हटाएं, दूर होगी नकारात्मकता:

ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार साफ-सुथरे स्थान पर ही लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए दिवाली पर लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर की साफ-सफाई की जाती है। साथ ही अशुभ वस्तुएं भी दूर हो जाती हैं। फलस्वरूप लक्ष्मी संतुष्ट होकर उस घर में रहने लगीं। लेकिन दिवाली पर घर की सफाई न हो और कुछ चीजें न हटाई जाएं तो अलक्ष्मी घर वास करती हैं और इनका वास यानी घर से सुख-सौभाग्य और धन का जाना होता है। अगर घर में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां या तस्वीरें हों तो उन्हें भी हटा देना चाहिए।

इस मूर्ति को जल में प्रवाहित कर दें। नई छवियां या मूर्तियां लाएं। अगर घर में कोई टूटा हुआ शीशा है तो उसे फेंक दें। घर में कांच की वस्तुएं न रखें, भले ही वे हल्की सी टूटी हुई या टूटी हुई हों। इसे नये ग्लास से बदलें। घर में टूटा हुआ शीशा रखना, टूटे शीशे में चेहरा देखना अशुभ होता है। यदि कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या उपकरण टूट गया है तो उसे मरम्मत करके उपयोग में लाया जा सकता है। यदि वे फिट नहीं होते हैं, तो उन्हें फेंक देना सबसे अच्छा है।

दिवाली से पहले घर की सफाई करते समय पुराने, बेकार जूतों को बाहर फेक दें । ऐसे जूते घर में रखना दुर्भाग्य को आमंत्रित करता है। जब घर का सामान टूटा हुआ या अनुपयोगी हो तो उसका निपटान कर दें। घर में टूटी-फूटी चीजें रखना अशुभ होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार शयनकक्ष में कभी भी टूटी-फूटी चीजें नहीं रखनी चाहिए। दिवाली से पहले टूटे और बेकार बर्तन, खिलौने, फटे कपड़े बाहर निकाल दें।

प्रवेश द्वार पर दें खास ध्यान:

घर का प्रवेश द्वार खोलते या बंद करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई आवाज न हो और दरवाजा टूटा न हो। प्रवेश द्वार पर ऐसी किसी भी खामी को दूर किया जाना चाहिए। घर के दरवाजों की विशेष सफाई करें। दरवाजों के अगल-बगल में मांगलिक चिह्न बनाएं। बांदरवाल सजाएं।

वैक्यूम क्लिनर से होती है सफाई

लेकिन अब समय के साथ-साथ सफाई भी स्मार्ट हो चुकी है। अब घर की सफाई के लिए कई मशीन और टेक्नोलॉजी आ चुकी है। अधिकतर घरों में अब वैक्यूम क्लिनर से सफाई की जाती है। बाजार में कई तरह के वैक्यूम क्लिनर और सफाई से जुड़े गैजेट उपलब्ध है। इससे सफाई करने से समय की बचत होती है। घर की सफाई सभी को मिलकर करनी होती है। बच्चे झाडू-पौंछे से सफाई करने को तैयार ही नहीं होते। वे वैक्यूम क्लिनर से सफाई राजी राजी कर लेते है। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि सफाई के दौरान डस्ट से बचे अन्यथा बीमार पड़ सकते हैं। इसलिए स्मार्ट गैजेट्स का प्रचलन बढ़ गया है।

बोले- डॉक्टर सावधानी जरुरी:

डॉ. एस डी शर्मा ने बताया कि दीपावली या अन्य मौकों पर विशेष सफाई करने से डस्ट की चपेट में आ जाने से बीमार पडऩे का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में मुंह पर मास्क या कपड़ा बांधकर ही सफाई करे। बेहतर होगा कि आप वैक्यूम क्लिनर या अन्य गैजेट्स से सफाई करें जिससे डस्ट उडऩे का झंझट ही नहीं हो।

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