जयपुर। गोविंदगढ़ थाना इलाके में चारा काटने वाली मशीन से महिला का सिर धड़ से अलग हो गया। हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। मामला निंदोला गांव में 1 जनवरी शाम 6 बजे का है।
पुलिस के अनुसार महिला मंजू देवी (35) 31 दिसंबर (मंगलवार) को नानी की मौत होने पर शोक में शामिल होने ननिहाल आई थी। हादसे के दौरान ममेरा भाई भी वहीं मौजूद था। हादसे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को चौमूं की सीएचसी में रखवाया था।
थानाधिकारी हेमराज सिंह गुर्जर ने बताया कि मंजू देवी का ससुराल अरनिया (श्रीमाधोपुर) और पीहर देवथला (गोविंदगढ़) में है। 23 दिसंबर को निंदोला गांव में रहने वाली मंजू देवी की नानी की मौत हो गई थी। पति बद्री प्रसाद यादव (37) खुद पत्नी मंजू देवी को 31 दिसंबर को नानी के घर निंदोला गांव छोड़कर गया था। इसके बाद वे ड्यूटी पर उदयपुर चले गए थे। बद्री प्रसाद यादव समारावता (उदयपुर) स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में व्याख्याता है।
मामा का बेटा अनुराग भी घटना के समय वहीं पर मौजूद था। अनुराग ने बताया कि घर पर इंजन से मशीन को चलाकर चारा काट रहे थे। मैं सरसों की पुली को आगे खिसका रहा था। बुआ की बेटी मंजू नीचे से सरसों की पुली (चारा) उठाकर दे रही थी। इस दौरान वह इंजन के ज्यादा करीब चली गई। नीचे झुकते ही इंजन के चक्के में उसकी चुन्नी चली गई। चक्के की स्पीड इतनी तेज थी कि हादसे के बारे में कुछ समझ नहीं पाया।
एक झटके में धड़ से अलग हो गया सिर
अनुराग ने बताया कि इंजन के पास ही पत्थर का कातला रखा हुआ है। कपड़ा इंजन के चक्के में फंसने के बाद बहन (मंजू) की गर्दन कातले से टकराकर धड़ से अलग हो गई। हादसे के बाद मेरे हाथ-पैर से जैसे जान ही निकल गई। मैं कुछ समझ नहीं पाया कि क्या करना चाहिए। बहन का सिर और धड़ दोनों अलग-अलग पड़े थे। चिल्लाने की आवाज सुनकर घरवाले के आने से पहले मैंने इंजन को बंद किया। बॉडी से इतना खून निकला कि पूरी मिट्टी लाल हो गई। बहन की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
हादसे की सूचना के बाद गोविंदगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची। शव को चौमूं सीएचसी के मुर्दाघर में रखवाया गया। 2 जनवरी को सुबह करीब 11 बजे महिला मंजू के परिजन बॉडी को अरनिया (श्रीमाधोपुर) लेकर चले गए, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।
साल 2008 में देवथला (गोविंदगढ़) निवासी मंजू की शादी अरनिया (श्रीमाधोपुर) के रहने वाले बद्री प्रसाद यादव के साथ हुई थी। मंजू के 10 साल की बेटी काव्या और 12 साल का बेटा यश है। मंजू दोनों बच्चों को अपने ससुराल ही छोड़कर अपने मामा के यहां आई थी।