राजरंगम् के मंच पर साकार हुई अर्जुन और चित्रांगदा की प्रेम कहानी

0
287
The love story of Arjun and Chitrangada came alive on the stage of Rajarangam
The love story of Arjun and Chitrangada came alive on the stage of Rajarangam

जयपुर। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और एक्टर्स थिएटर एट राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 7वें राजरंगम् का तीसरा दिन गुरुदेव रबीन्द्र नाथ टैगोर की कहानी पर आधारित नाटक चित्रांगदा के नाम रहा। शनिवार को संकेत जैन के निर्देशन में हुई प्रस्तुति में कलाकारों ने अर्जुन और चित्रांगदा की प्रेम कहानी को बड़े आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करते हुए वास्तविक सुंदरता को अपनाने का संदेश दिया गया। रविवार को शाम 6:30 बजे सुनीता तिवारी नागपाल (एनएसडी) के निर्देशन में ‘पीले स्कूटर वाला आदमी’ नाटक का मंचन होगा।

चित्रांगदर की कहानी, महाभारत के एक प्रसंग से प्रेरित है। मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा अर्जुन के प्रति बेहद आकर्षित है, लेकिन उसका हृदय जीतने में असफल रहती है क्योंकि उसमें कामुक सुंदरता की कमी है और सामान्य जीवन में वह एक निडर ‘पुरुष’ की तरह व्यवहार करती है। चित्रांगदा के अनुरोध पर, प्रेम के देवता, कामदेव, उसे एक वर्ष के लिए शारीरिक सौंदर्य प्रदान करते हैं, और परिणामस्वरूप अर्जुन उससे प्रसन्न होता है।

तब उसकी पहिरन उसे ज्ञात नहीं थी। हालांकि वर्ष समाप्त होने से पहले, अर्जुन उससे विमुख होने लगता है, और योद्धा राजकुमारी के पराक्रम की सूचना से उसके मन में उसके लिए गहरी प्रशांसा पैदा हो जाती है। तब चित्रांगदा अपने असली रूप में प्रकट हो जाती है, और वह उससे और भी अधिक प्यार करने लगता है, और नाटक खुशी से समाप्त हो जाता है।

नाटक प्रतीकात्मक रूप से शारीरिक सुख और कामुक संतुष्टि से परे, वास्तविक सुंदरतस की व्याख्या और अन्वेषण करता है। इस काव्यात्मक नाटक को काव्यात्मक बिंबों, प्रतीकों और अत्यंत सुंदर भावों के कारण संचार के लिए एक नई नाट्य भाषा की आवश्यकता है। निर्देशक ने विशिष्ट वेशभूषा और लाइट के प्रभाव के जरिए प्रकृति के सौंदर्य का बखूबी चित्रण किया। इसी के साथ संवादों में भाषा का लालित्य भी स्पष्ट रूप से साकार हुआ। शृंगार रस से ओत प्रोत यह प्रस्तुति मानव ह्रदय में प्रेम भावों को सहज रूप से उत्पन्न करती है।

गरीमा पारीक ने चित्रांगदा, विक्रांत रतनपाल ने अर्जुन, विमल मीणा ने कामदेव, आकर्ष काला ने बसंत, पीयूष सैन ने वनचर की भूमिका निभाई। अन्य कलाकारों में दिव्यांशी, सिमरन, आयुषी एवं इशिका शामिल रही। बादशाह जहानी और बरकत जहानी ने संगीत संयोजन, सुनीता बर्मन ने वेशभूषा, संकेत जैन व गौरव ने प्रकाश संयोजन, गगन त्रिवेदी ने मंच सज्जा और धनंजय ने मंच सहायक की जिम्मेदारी संभाली।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here