द्वारका से जयपुर पहुंची श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति रथ यात्रा मथुरा के लिए रवाना

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Shri Krishna Janmabhoomi Mukti Rath Yatra, which reached Jaipur from Dwarka, left for Mathura
Shri Krishna Janmabhoomi Mukti Rath Yatra, which reached Jaipur from Dwarka, left for Mathura

जयपुर। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मुक्ति एवं भव्य मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ निकली श्री कृष्ण रथ यात्रा अब अपने द्वितीय चरण में जयपुर से मथुरा के लिए प्रस्थान कर चुकी है। यह यात्रा संयुक्त भारतीय धर्म संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर जी के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है और मेहंदीपुर बालाजी के महंत डॉक्टर नरेश पुरी जी महाराज के पावन सानिध्य में यह पवित्र कार्य संपन्न हो रहा है।

यात्रा द्वारका से प्रारंभ होकर विभिन्न धार्मिक स्थलों से होती हुई जयपुर पहुंची, जहां भव्य आयोजन के साथ इसका स्वागत किया गया। तिकोना पार्क, कांति नगर, जयपुर में भक्तों और संतों के सानिध्य में यह यात्रा आगे बढ़ी।

यात्रा के शुभारंभ अवसर पर समाजसेवी सुदीप तिवारी ने बालाजी की ध्वजा-पताका दिखाकर यात्रा को रवाना किया। इस दौरान परकोटा गणेश जी के महंत अमित शर्मा, लाडली जी के महंत संजय गोस्वामी और गीता गायत्री के पंडित राजकुमार चतुर्वेदी सहित अनेक संत-महंतों ने यात्रा को आशीर्वाद प्रदान किया।

यात्रा के जयपुर प्रवास के दौरान संत-महंतों द्वारा रथ की विधिवत आरती की गई, जिसके बाद अल्पाहार एवं प्रसाद वितरण किया गया। तिकोना पार्क से प्रारंभ होकर यात्रा कांति नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई आगे के गंतव्य की ओर रवाना हुई। श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण की जय-जयकार और भजन-कीर्तन के साथ पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।

इस आयोजन में पंकज शर्मा, प्रमोद शर्मा, सुरेश शर्मा, अंकुश अग्रवाल, सुधीर उपाध्याय, भुवनेश तिवारी, लाभेश तिवारी, गौरव तिवारी, विक्की छाबड़ा, सूर्यनारायण शर्मा, केके शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने इस यात्रा को सफल बनाने में अपना योगदान दिया और धर्म व संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया।

अब यह यात्रा अपने द्वितीय चरण में राजस्थान के विभिन्न शहरों से होती हुई मथुरा पहुंचेगी, जहां 23 मार्च को गोवर्धन मार्ग स्थित जीएसएस फॉर्म में इसका समापन समारोह होगा। इस अवसर पर संतों का उद्बोधन और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित हिंदी काव्य ग्रंथ का लोकार्पण भी किया जाएगा।

संयुक्त भारतीय धर्म संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर जी ने कहा, “यह यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि सनातन धर्म की रक्षा और भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की मुक्ति का संकल्प है।” वहीं महंत श्री श्री 1008 डॉक्टर नरेश पुरी जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा, “धार्मिक चेतना जागृत करने और भव्य मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ यह यात्रा सनातन संस्कृति को पुनः स्थापित करने का एक ऐतिहासिक प्रयास है।”

समाजसेवी सुदीप तिवारी ने कहा, “हमें इस आंदोलन को समर्थन देकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के उद्देश्य को साकार करना चाहिए, जिससे सनातन धर्म का गौरव पुनः स्थापित हो सके।”

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