वाराणसी ने नगरीय मोबिलिटी में सुधार के लिए डेटा-संचालित समाधानों को दी गति

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Varanasi accelerates data-driven solutions to improve urban mobility
Varanasi accelerates data-driven solutions to improve urban mobility

वाराणसी। टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन (टीएमएफ) द्वारा आयोजित सस्‍टेनेबल सिटीज़ चैलेंज (एससीसी) के माध्‍यम से 9 मिलियन डॉलर के ग्‍लोबल चैलेंज के अंतर्गत इनोवेटर्स एकेडमी के लिये 10 वैश्विक इनोवेटर्स को एक साथ लाया गया है। वाराणसी नगर निगम, वाराणसी स्‍मार्ट सिटी, चैलेंज वर्क्‍स और वर्ल्‍ड रिसोर्सेज़ इंस्‍टीट्यूट के सहयोग से विकसित किये गये वाराणसी सस्‍टेनेबल सिटीज़ चैलेंज का उद्देश्‍य प्राचीन नगरी काशी में भीड़ के प्रवाह का प्रबंधन करने के लिये डेटा-संचालित समाधानों की पहचान करना और उन्‍हें आगे बढ़ाना है।

भारत का आध्‍यात्मिक केन्‍द्र वाराणसी हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। जहां श्रद्धालुओं के इस आवागमन से स्‍थानीय अर्थव्‍यवस्‍था को नयी ऊर्जा मिलती है, वहीं मोबिलिटी से जुड़ी समस्‍याएं भी उत्‍पन्‍न होती हैं। ऐसे में स्‍थानीय निवासियों, पर्यटकों और कमज़ोर वर्गों की सुरक्षा, पहुंच और दक्षता सुनिश्चित करने के लिये इनोवेटिव समाधान और महत्‍वपूर्ण हो जाते हैं।

भीड़ के मानचित्रण से जुड़ी वर्कशॉप इस कार्यक्रम का प्रमुख अंग रही। इसका नेत़ृत्‍व वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्‍त तथा वाराणसी स्‍मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ और निदेशक श्री अक्षत वर्मा (आईएएस) ने किया। इस वर्कशॉप में डब्‍ल्‍यू आर आई इंडिया और अरबन लैब द्वारा भीड़ को लेकर कराये गये सर्वे से प्राप्‍त निष्‍कर्षों को भी सामने रखा गया।

इन्‍हें एक इंटरएक्टिव प्रदर्शनी के माध्‍यम से प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में दिखाया गया कि भीड़ के रियल-टाइम आंकड़ों के माध्‍यम से मोबिलिटी की योजना को बेहतर बनाया जा सकता है, सुगमता में सुधार लाया जा सकता है तथा तेजी से बढ़ते शहरी केंद्रों में पैदल यात्रियों के अनुभव को बदला जा सकता है।

वर्कशॉप में वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम (आईएएस); गोमती जोन के पुलिस उपायुक्‍त प्रमोद कुमार (आईपीएस); मुख्‍य विकास अधिकारी (आईएएस) हिमांशु नागपाल; एसडीएम- श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर शंभू शरण; पुलिस उपायुक्‍त वाराणसी राजेश कुमार पांडेय; वाराणसी छावनी बोर्ड के मुख्‍य अधिशासी अधिकारी सत्यम मोहन; वाराणसी रेलवे स्‍टेशन के निदेशक अर्पित गुप्ता; वाराणसी के अपर जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र; अपर नगर आयुक्‍त श्रीमती सविता यादव और वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्‍य अभियंता अमरेन्द्र तिवारी भी शामिल हुए।

वाराणसी के नगर आयुक्‍त अक्षत वर्मा (आईएएस) ने इस अवसर पर कहा,‘‘मुझे उम्मीद है कि इस वर्कशॉप और भविष्‍य में होने वाले परस्‍पर समन्‍वय से वाराणसी शहर के लिए लाभदायक परिणाम प्राप्‍त होंगे। चैलेंज के माध्यम से हम इसे समय से हल कर सकेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम इस अवसर का उपयोग करेंगे और शहर और सभी इनोवेटर्स से सर्वश्रेष्ठ परिणाम लाएंगे।’’

टोयोटो मोबिलिटी फाउंडेशन के अधिशासी कार्यक्रम निदेशक प्रस गणेश ने कहा,”वाराणसी का बहुत अधिक ऐतिहासिक महत्‍व है। नगर प्रशासन के सर्वश्रेष्‍ठ प्रयासों के बावजूद शहर में मोबिलिटी को लेकर चुनौतियां आज भी मौजूद हैं। एससीसी इनोवेटर एकेडमी हमें इस बात की झलक दे रही है कि वाराणसी जैसी जटिल नगरीय व्‍यवस्‍था में भीड़ की आवाजाही की पुन:परिकल्पना करने में डेटा और टेक्‍नॉलॉजी किस तरह मदद कर सकती है। समुदाय से मिलने वाली अंतर्दृष्टि को एकीकृत करके हम ऐसे समाधान तैयार कर सकते हैं जो न केवल कुशल हों, बल्कि समावेशी और सतत भी हों।”

चैलेंज वर्क्‍स में सिटीज़ एण्ड सोसाइटीज़के निदेशक कैथी नॉथस्टाइन ने कहा,”सारे शहर भीड़ और मोबिलिटी को सही तरीके से संभालने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। इस पहल का सबसे उत्‍साहजनक पहलू यह है कि इसमें इन चुनौतियों से निपटने के लिये वैश्विक इनोवेटर्स को एक साथ लाया गया है। लोगों के वास्तविक अनुभवों के साथ डेटा और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर हम शहरी गतिशीलता की समस्याओं को अधिक स्मार्ट और अधिक समावेशी शहरी भविष्य के अवसरों में बदल सकते हैं।”

डब्‍ल्‍यू आर आई इंडिया में इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट, क्‍लीन एयर एंड हाइड्रोजन विंग के एग्जिक्‍यूटिव प्रोग्राम डायरेक्‍टर पवन मुलुकुटला ने कहा,”शहरी मोबिलिटी तेज़ी से विकसित हो रही है और नवीन प्रौद्योगिकी को ज़मीनी समाधानों के साथ जोड़ने से ही वास्तविक प्रभाव आता है। सस्‍टेनेबल सिटीज़ चैलेंज इनोवेटर अकादमी के माध्यम से हम देख रहे हैं कि डेटा-संचालित दृष्टिकोण वास्तव में वाराणसी जैसे सघन शहरी वातावरण में लोगों की आवाजाही में सुधार ला सकते हैं।”

इस वर्कशॉप के माध्‍यम से अधिकारियों, शहरी योजनाकारों और मोबिलिटी एवं प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को शहरी भीड़भाड़ से जुड़ी चुनौतियों के लिए विस्‍तार योग्‍य समाधानों पर ज्ञान का आदान-प्रदान करने के लिए एक सहयोगी मंच भी प्रदान किया गया। प्रदर्शनी और वर्कशॉप्‍स ने भारत में शहरी गतिशीलता के भविष्य को आकार देने में डेटा-संचालित इनोवेशंस की महत्वपूर्ण भूमिका को मजबूत किया।

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