जयपुर। गणगौर की पारंपरिक शाही सवारी पूरे ठाट-बाठ और लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट के सिटी पैलेस से सोमवार को त्रिपोलिया गेट से निकाली गई । जयपुर पूर्व राजपरिवार के सदस्यों ने त्रिपोलिया गेट पर गणगौर माता की पूजा की । इस अवसर पर दुनियाभर के देशी-विदेशी पर्यटक जयपुर पहुंचे । पर्यटन विभाग की तरफ से दो दिवसीय इस कार्यक्रम में गणगौर माता की शाही सवारी सिटी पैलेस से शुरू होकर छोटी चौपड़ से होते हुए गणगौरी बाजार ,तालकटोरा पहुंचे । इस शोभायात्रा में पारंपरिक नृत्य और कई तरह की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहेगी। जिनमें कच्ची घोड़ी, कालबेलिया, बहरूपिया, अलगोजा गैर ,चकरी शामिल थे। शोभा यात्रा में तोप गाड़ी ,सुसज्जित रथ ,घोड़े और ऊंट भी शामिल हुए।
हिंद होटल की छत पर किए सैलानियों के लिए इंतजाम
पर्यटक विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान की संस्कृति और आस्था से जुड़े गणगौर महोत्सव को इस बार और भव्य रूप में मनाया गया है । पर्यटन विभाग की ओर से शोभायात्रा में कलाकारों की संख्या बढ़ाने के साथ कई नए आकर्षण जोड़े गए हैं। पहली बार ड्रोन के जरिए पुष्प वर्षा की गई, और प्रदेशभर में 200 एलईडी स्क्रीन पर शोभायात्रा का सीधा प्रसारण किया गया है।
शेखावत ने बताया कि गणगौर की सवारीसोमवार को शाम पौने छह बजे से निकाली गई। शोभायात्रा में 250 लोक कलाकार ने हिस्सा लिया । सजी-धजी पालकियों, ऊंट, घोड़ों और हाथियों के लवाजमे की संख्या में भी 50 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है।
शोभायात्रा में यह होंगे खास आकर्षण
3 अतिरिक्त हाथी, 12 घोड़े (लांसर्स पंचरंगा झंडा लिए हुए), 6 सजे-धजे ऊंट और 2 विक्टोरिया बग्गी शामिल की गई है। पंखी, अडानी और चढ़ी धारक समेत 24 लोगों का दल पारंपरिक वेशभूषा में शोभायात्रा का हिस्सा बना । अरवाड़ा संप्रदाय के अनुयायी ने अपनी पारंपरिक प्रस्तुति दी ।
छोटी चौपड़ पर विशेष आयोजन
गणगौर माता की सवारी के स्वागत के लिए तीन भव्य मंच बनाए गए है, दो मंचों पर लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी, जबकि तीसरे मंच से गणगौर माता की पूजा और पुष्पवर्षा की गई । पुलिस बैंड और घूमर नृत्य की विशेष प्रस्तुति का आयोजन किया गया ।पर्यटकों और दर्शकों के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था की गई ।
ड्रोन से पुष्प वर्षा, लाइव प्रसारण भी होगा
शोभायात्रा के दौरान पहली बार ड्रोन के जरिए पुष्प वर्षा की गई । तालकटोरा में राजस्थानी लोक कलाकारों ने विशेष प्रस्तुति दी ।