15 मई को वृषभ संक्रांति और 16 को होगा संकष्टी चतुर्थी का व्रत

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Many religious rituals will be held on Ravi Pushya in Shri Nahar's Ganeshji temple
Many religious rituals will be held on Ravi Pushya in Shri Nahar's Ganeshji temple

जयपुर। जब सूर्य मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करता हैं तो उसको वृषभ संक्रांति कहते हैं । 15 मई गुरुवार को सूर्य देव मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे । आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि वृषभ का अर्थ होता है बैल और हिन्दू धर्म में बैल नंदी का रूप हैं, जो भगवान शिव का वाहन हैं। इसलिए यह दिन शिवतत्व और नंदी के प्रति श्रद्धा का प्रतीक माना गया हैं । इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके लोग सुख-समृद्धि की कामना करते हैं और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति यानी मोक्ष की प्रार्थना करते हैं।

इस बार 16 मई शुक्रवार को संकष्टी चतुर्थी व्रत का व्रत रखा जाएगा। संकष्टी चतुर्थी हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती हैं और यह दिन भगवान गणेश की उपासना के लिए विशेष होता है। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि संकष्टी का अर्थ होता हैं कष्टों से मुक्ति देने वाली और चतुर्थी तिथि यानी गणेशजी का दिन वाली तिथि।

इसलिए यह दिन जीवन के संकटों से उबारने वाले विघ्नहर्ता गणपति की आराधना का दिन माना गया हैं । इस दिन व्रत और उपवास रखा जाता हैं और संध्या में चंद्र दर्शन के पश्चात गणेश पूजन करते हैं । इस दिन संकष्ट नाशन स्तोत्र, गणेश अथर्वशीर्ष आदि का पाठ करना अत्यंत फलदायी होता हैं

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