जयपुर। सेंट्रल जेल में बंद चार बदमाशों को जेल प्रशासन, डॉक्टर, पुलिस ने मिल कर इलाज के नाम पर जेल से बाहर किया। इसके बाद चारों अपनी-अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर जयपुर के दो होटलों में पहुंच गए। मामला सामने आने के बाद जयपुर पुलिस ने चार कैदियों और चार पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया है। मामले में जेल के डॉक्टर और अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
इस पूरे प्लान को जेल में चल रहे एसटीडी बूथ के माध्यम से फोन कर तैयार किया गया। कैदी अय्याशी करने के लिए जेल से निकले थे। पुलिस अब इस मामले में कैदियों और पुलिसकर्मियों के बीच लेने के मामले की जांच कर रही है। इस पूरे प्रकरण को लेकर जालुपुरा और एयरपोर्ट थाने में मामला दर्ज करवाया गया है।
गौरतलब है कि जयपुर सेंट्रल जेल में बंद रफीक, भंवर, अंकित, करण और जोगेंद्र अलग-अलग अपराध में बंद हैं। शनिवार सुबह बीमारी का हवाला देकर जेल सभी पांच बदमाश अस्पताल पहुंचे। वहां तैनात डॉक्टर कैलाश ने इन सभी को इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया। जेल अधीक्षक को इसकी सूचना दी गई थी। पुलिस लाइन से आए गार्ड इन कैदियों को लेकर एसएमएस अस्पताल पहुंचे।
यहां पर्ची कटवाने के लिए कैदी जोगेंद्र को एक हेड कांस्टेबल और सिपाही वापस जेल ले गए। जबकि बाकी चार बंदी रफीक,भंवर, अंकित और करण दो सिपाहियों के साथ मिलीभगत कर जयपुर के सिंधी कैंप और एयरपोर्ट के पास स्थित होटलों में पहुंच गए। जहां पहले से उनकी महिला मित्र होटलों में मौजूद थीं।
कैदियों ने पहले ही तैयार कर ली थी होटल में महिला मित्र से मुलाकात की योजना
जांच में सामने आया कि कैदियों ने जेल में लगी एसटीडी सुविधा के जरिए अपने परिचितों और परिजनों से बातचीत कर इस पूरी साजिश को अंजाम दिया। अस्पताल पहुंचने पर उनके अन्य साथी भी वहां मौजूद थे। जो उन्हें होटलों तक ले गए। इस पूरे खेल में पुलिसकर्मियों को लालच देकर शामिल किया गया।
कैदियों ने पहले से ही होटलों में मुलाकात की योजना बना ली थी, जिसमें जेल के डॉक्टर और कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता थी। बिना डॉक्टर की एडवाइस के किसी भी कैदी को जेल से रेफर नहीं किया जा सकता। डॉक्टर जिन कैदियों का रेफर बनाता है, एक बार जेल अधीक्षक उन कैदियों से मिलता है। ऐसे में यह चूक होना इस बात को बता रहा है कि जयपुर जेल में इतनी अधिक अनियमितता मिलने के बाद भी ये लोग सुधर नहीं रहे हैं।
जयपुर कमिश्नरेट पुलिस को इस घटना की जानकारी जेल के सूत्रों से मिली। जिस के बाद चालानी पुलिसकर्मियों की लोकेशन निकाली गई। जिस पर एयरपोर्ट और सिंधी कैम्प थाना इलाके से चारों बदमाशों और चार पुलिसकर्मियों को डिटेन कर थाने लाया गया। जिस के बाद जयपुर पुलिस ने दोनों थानों में एक-एक एफआईआर दर्ज कराई। चारों युवकों और चारों पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा रही है कि वह कैसे और किस तरह से यहां तक पहुंचे उनकी इस प्रकरण में किस किस ने मदद की? पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या अन्य बंदी व जेल कर्मचारी भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं।
एक महीने पहले कटाई थी पर्ची
बताया जा रहा है कि कैदियों ने जेल के उच्च प्रशासन और डॉक्टर से मिलीभगत कर एक महीने पहले पर्ची कटाई थी। इसमें एलर्जी होना बताया था। इस पर्ची से ही जेल के डॉक्टर ने बंदियों को एसएमएस रेफर किया था। आरोपी बदमाश अंकित जीएसटी चोरी के मामले में जेल में 1 साल से बंद है। पहले भी एसएमएस हॉस्पिटल में अंकित अपनी गर्लफ्रेंड से मिल चुका है।
अंकित के भाई को पुलिस ने 45 हजार रुपए के साथ होटल बेला कासा (एयरपोर्ट थाना) में पकड़ा। यहां से दोनों कैदियों के आईडी कार्ड मिले। दूसरा आरोपी करण जमीन की धोखाधड़ी के मामले में नवंबर 2024 से जेल में बंद है। रफीक उर्फ बकरी हत्या के मामले में जेल में बंद है। वहीं कैदी भंवर रेप के मामले में जेल में बंद है।