जयपुर। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी गुरुवार को विभिन्न शुभ योग में छोटीकाशी में गायत्री जयंती भक्तिभाव से मनाई गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने वेद माता गायत्री की पूजा-अर्चना कर पुष्पाजंलि अर्पित की। गायत्री यज्ञ में विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां प्रदान की गई। साथ ही गायत्री महामंत्र के जाप के साथ गायत्री चालीसा के पाठों का आयोजन किया गया।
11 किलो घी से पांच हजार श्रद्धालुओं ने 60 हजार 500 आहुतियां की अर्पित
मुख्य आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ, किशरण पथ मानसरोवर स्थित वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केंद्र,गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ सहित सभी प्रमुख चेतना केंद्रो पर मनाया गया। सभी केंद्रो पर पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ के आयोजन संपन्न हुए। 21 पारियों में करीब साढ़े 5 हजार श्रद्धालुओं ने 60 हजार 500 आहुतियां अर्पित की। इसमें करीब सौ किलो हवन सामग्री और 11 किलो घी का उपयोग किया गया।
गंगा दशहरा पर गायत्री माता ने की पीली पोशाक धारण
गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सभी शक्तिपीठ परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से अलौकिक रुप से सजाया गया। मां गायत्री को पीली पोशाक धारण कराकर ऋतु पुष्पों से मनोरम श्रृंगार किया गया। समाधि स्थल प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा को भी सजाया गया। गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल, शक्तिपीठ के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा ने मां गायत्री और गुरु सत्ता का पूजन किया। मातृ शक्ति के दिवस पर मातृ शक्ति गायत्री कचोलिया, गायत्री तोमर, विद्या देवी ने ही वैदिक पद्धति से यज्ञ करवाया। दिनेश आचार्य ने प्रज्ञा गीतों से मां गायत्री का गुणगान किया।
किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र पर गायत्री जयंती, गंगा दशहरा और गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य का महाप्रयाण दिवस पर विभिन्न हुए केन्द्र के व्यवस्थापक आर डी गुप्ता ने बताया कि इस मौके पर नौ बजे से नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। यज्ञ का संचालन गिरधर गोपाल आसोपा और दिवाकर शर्मा ने किया।
कई संस्कार कराए
गायत्री जयंती पर तीनों शक्तिपीठों पर गायत्री महामंत्र की गुरु दीक्षा दी गई। नए साधकों ने गायत्री महामंत्र की तीन माला जपने का संकल्प लिया, साथ ही समयदान और अंशदान का भी संकल्प लिया गया। कई बालकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में डॉ. मीनाक्षी बधेल ने गर्भस्थ शिशु को संस्कारी बनाने के लिए पुंसवन संस्कार कराया। छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी कराया गया। गायत्री परिवार की ओर से सभी प्रज्ञा केन्द्रों पर सभी संस्कार कराए जाते हैं।
गंगा माता की झांकिया का भव्य आयोजन, 51 किलो पंचामृत से हुआ गंगा मैया का अभिषेक
गंगा दशहरे के पावन अवसर पर गोपाला जी के रास्ते में स्थित गंगा माता मंदिर में विशेष आयोजन संपन्न हुए। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर गंगा माता मंदिर में श्रद्धलुओं की भारी भीड़,भक्ति से भरी वाणी,और भव्य झांकिया के बीच गंगा माता की सात झांकियों का आयोजन बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि समाज में आध्यात्मिक एकता और परंपरा की सुंदर झलक भी प्रस्तुत कर गया था।
गंगा दशमी के अवसर पर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों,तोरणों और दीपों से सजाया गया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे गंगा माता की आराधना में शामिल हुए। भजन -कीर्तन,कथा वाचन और गंगा महिला का गुणगान करते हुए भक्तों ने पूरे दिन आस्था और उल्लास के साथ गंगा दशहरा उत्सव मनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रात मंगला झांकी हुआ। मंगला झांकी में गंगा मैया को माखन-मिश्री का भोग अर्पित किया गया। यह झांकी गंगा माता की सादगी, शुद्धता और वात्सल्य का प्रतीक मानी जाती है। इसके बाद वैध धूप झांकी का आयोजन किया गया। जिसमें मंदिर वैध धूप जलाई गई, जिससे वातावरण सुगंधित और शुद्ध हो गया।
जिसके पश्चात तीसरी झांकी श्रृंगार झांकी रही। इसमें गंगा मैया को विविध आभूषणों और रंग-बिरंगे फूलों से सजया गया और रेशमी वस्त्रों से सुसज्जित किया गया। गंगा माता की यह छवि भक्तों को अत्यंत भावविभोर कर गई। इसके पश्चात चौथी झांकी राजभोग झांकी के रूप में प्रस्तुत की गई, जिसमें माता को विभिन्न प्रकार के व्यंजन और प्रसाद अर्पित किए गए।
30 किलो दूध,10 किलो दही,10 किलो बुरा से किया गया मैया का अभिषेक
मंदिर प्रांगण में पांचवी झांकी अद्भुत रहीं, जो अपने-आप में आयोजन का मुख्य आकर्षण बनी । मंदिर महंत महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि गंगा माता का पंचामृत तैयार करने के लिए 30 किलो दूध,10 किलो दही,10 किलो बुरा, शुद्ध शहद और पवित्र गंगाजल का इस्तेमाल किया गया। इस प्रकार 51 किलो पंचामृत से गंगा मैया का अभिषेक किया गया। यह अभिषेक भक्तों के बीच विशेष श्रद्धा का केंद्र बना।
दो अन्य झांकियों का भी हुआ भव्य आयोजन
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के अवसर पर इन झांकियों के अलावा दो अन्य झांकियां- संध्या आरती झांकी और शयन झांकी का भी आयोजन हुआ। जिसमें भव्य दीपों से मंदिर परिसर को अलौकिक तरीके से सजाया गया। जिससे दीप प्रज्जवलन में मंदिर परिसर जगमगा उठा अंत में माता का शयन विधान किया गया।
गंगादास महाराज की पुण्यतिथि पर आठ दिवसीय धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन
आदर्श नगर,बर्फ खाना स्थित संत स्वामी गंगादास महाराज की पुण्यतिथि पर आठ दिवसीय धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 8 जून से 16 जून तक भंडारा एवं वार्षिक महोत्सव मनाया जाएगा। सत्संग सभा के अध्यक्ष महेश पोपली और महामंत्री उमेश तनेजा ने बताया कि इस अवसर पर पंडित सतीश शास्त्री के सानिध्य में प्रतिदिन प्रात 10 से 12 बजे तक संगीतमय कथा वाचन और महाराजश्री की महिमा का गुणगान किया जाएगा।
8 जून को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे थैलेसीमिया चिल्ड्रन सोसाइटी जयपुर एवं संतोकबा दुर्लभ जी अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में रक्तशिविर का आयोजन किया जाएगा।11 जून को गंगादास जी महाराज की शाही शोभायात्रा का भव्य आयोजन किया जाएगा। जिसमें हाथी,घोड़े और शाही लवाजमें के साथ शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। जो विभिन्न मार्गो से होती हुई वापस मंदिर प्रांगण पहुंचेगी। इस बीच व्यापार मंडल के सभी लोग शोभायात्रा का भव्य स्वागत करेंगे।
12 जून को अलवर के सुरताल म्यूजिक ग्रुप के कलाकार मां भगवती का विशाल जागरण करेंगे। 13 जून को श्रीश्याम सेवक परिवार समिति के तत्वावधान में विशाल भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें श्रीश्याम बाबा की अलौकिक झांकी सजाई जाएगी। जिसमें भजन कलाकार मनीष गर्ग घी वाले और रेहांन अपनी मधुर वाणी से बाबा श्याम को रिझाएंगे।
14 जून को मित्र मंडल के सानिध्य में सांस्कृतिक भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बालिका नृत्य प्रस्तुत करेंगी। 15 जून को गंगादास जी महाराज को फूल बंगले में विराजमान कर महाआरती की जाएगी और साथ ही प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा।
16 जून को होगा विशाल भंडारा,तीस हजार से अधिक श्रद्धालु जीमेंगे पंगत प्रसादी
सत्संग सभा के अध्यक्ष महेश पोपली ने बताया कि 16 जून को विशाल भंडारे का भव्य आयोजन किया जाएगा। जिसमें शहर भर के सांसद,विधायक,पार्षदगण सहित बड़ी संख्या मे संत महंत उपस्थित होगे। मंदिर प्रांगण में सुबह हवन,भजन कीर्तन का आयोजन होगा,साथ ही सभी भजन कलाकारों व समाज के वरिष्ठ लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
गंगामाता का सत्रहवां पाटोत्सव संपन्न:रामलला ने किया नौका विहार
गंगादशमी के पावन अवसर पर खोले के हनुमान जी मंदिर में गंगामाता का 17वॉ पाटोत्सव भक्तिभाव से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह गंगाजल सहित अन्य द्रव्यों से गंगा माता का महाअभिषेक कर षोडशोपचार पूजन किया गया। जिसके पश्चात गंगा मैया का अभिषेक और श्रृंगार किया गया और माता रानी की राजभोग झांकी सजाई गई। जिसके पश्चात मंदिर परिसर में गंगामाता की विशेष्रा आरती की गई।
संध्या में ओम रावत मोर कुटीर वाले, मोहन स्वामी के संयोजन में भजन संध्या हुई। रामलला को नौका विहार कराया गया। 6 जून को रामानन्दीय वैष्णव सम्प्रदाय मण्डल के समरिन कंडीरा के संयोजन में तथा 7 जून को द्वारका दास सोढानी के संयोजन में रात्रि 8 बजे सामूहिक सुंदरकाण्ड, भजन, बधाई गायन प्रस्तुत किए जाएंगे। पाटोत्सव के अन्तिम दिन रामोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।