ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ एयरटेल की सख्त कार्रवाई: राजस्थान में 27 लाख यूज़र्स को रियल टाइम में सुरक्षा प्रदान की

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Airtel takes strict action against online fraud
Airtel takes strict action against online fraud

जयपुर। भारत की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (“एयरटेल”) ने राजस्थान में बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के ख़िलाफ़ अपने मिशन में उल्लेखनीय प्रगति की घोषणा की है। देशभर में एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के लॉन्च के तहत एयरटेल ने राजस्थान में मात्र 27 दिनों के भीतर 27 लाख से अधिक यूज़र्स को सफलतापूर्वक ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है।

यह अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिक रूप से एक्टिवेट होती है। यह एसएमएस, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल और अन्य ब्राउज़र्स पर भेजे गए लिंक को स्कैन और फ़िल्टर करती है। यह तकनीक रियल टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस (साइबर ख़तरों की तात्कालिक जानकारी) का इस्तेमाल करती है और रोज़ाना 1 अरब से ज़्यादा यूआरएल का विश्लेषण करती है। किसी भी खतरनाक साइट पर पहुंचने से पहले यह सिस्टम महज 100 मिलीसेकंड में उसे ब्लॉक कर देता है।

उदाहरण के लिए, अगर भरतपुर का कोई निवासी यह संदिग्ध संदेश प्राप्त करता है:

“आपका पार्सल डिले हो गया है। इसे ट्रैक करें: http://www.tracky0urparcell.com और वह व्यक्ति अगर बिना सत्यता जाने, उस लिंक पर क्लिक करता है, तो एयरटेल का एआई-सिस्टम तुरंत सक्रिय हो जाता है। यह उस लिंक को स्कैन करता है और अगर वह संदिग्ध पाया जाता है, तो साइट को ब्लॉक कर देता है। यूज़र को एक चेतावनी संदेश पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है, जिसमें लिखा होता है: “ब्लॉक कर दिया गया! एयरटेल ने इस साइट को ख़तरनाक पाया है!” यह पूरा प्रोसेस रियल टाइम में, एक पल में होता है। इसी तरह के त्वरित इंटरसेप्शन से हर तरह के ऑनलाइन धोखाधड़ी से यूज़र्स को बचाया जा रहा है।

इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, भारती एयरटेल राजस्थान के सीईओ मारुत दिलावरी ने कहा, “एयरटेल अपने ग्राहकों को हर प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने एक ऐसा फ्रॉड डिटेक्शन समाधान लॉन्च किया है जो हर प्लेटफॉर्म पर हमारे सभी ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। हमारा यह प्रयास सभी के लिए इंटरनेट को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमें विश्वास है कि यह समाधान राजस्थान में साइबर ख़तरों से मुकाबले के लिए संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगा। इससे ग्राहक आत्मविश्वास के साथ, बिना किसी डर के डिजिटल सेवाओं से जुड़कर उनका फायदा उठा सकेंगे।”

एयरटेल की इस पहल पर टिप्पणी करते हुए श्री शांतनु कुमार सिंह, आईपीएस (एसपी – साइबर क्राइम, राजस्थान पुलिस) ने कहा, “राजस्थान में साइबर सुरक्षा अभियान अब धोखाधड़ी के खिलाफ अपनी कोशिशों को और तेज कर रहा है। ठगी रोकने के लिए मज़बूत रणनीतियाँ बनाना समय की ज़रूरत है। राज्य सरकार ने एयरटेल की प्रभावी फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन की सराहना की है और यह दर्शाता है कि सुरक्षा उपायों को बेहतर करने के लिए आपसी सहयोग बेहद ज़रूरी है।”

राजस्थान को देश के सबसे अधिक डिजिटल रूप से विकसित राज्यों में गिना जाता है, लेकिन इसके साथ ही यहां ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं भी तेज़ी से बढ़ रही हैं — चाहे शहरी क्षेत्र हों या ग्रामीण। फ़्रॉड करने वाले अब फिशिंग लिंक, नकली डिलीवरी संदेश और जाली बैंक अलर्ट के ज़रिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। भरतपुर, अलवर, जोधपुर और जयपुर ग्रामीण जैसे ज़िलों में ऐसे मामलों में तेज़ उछाल देखा गया है। एयरटेल का यह समाधान पूरे राज्य के लिए एक डिजिटल सुरक्षा कवच का कार्य करता है – परिवारों, बुज़ुर्गों, गृहणियों, छात्रों और पहली बार स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे यूज़र्स तक को साइबर अपराध से बचा रहा है।

यह एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म यूज़र्स को उनकी पसंदीदा भाषा में फ्रॉड अलर्ट भेजता है, जिसमें हिंदी भी शामिल है। इससे यह राज्य की विविध भाषाई और सामाजिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी बन गया है। यह बहुभाषी सुविधा विशेष रूप से उन क्षेत्रों में प्रभावशाली साबित हो रही है जहां डिजिटल साक्षरता सीमित है या अंग्रेज़ी भाषा का उपयोग कम होता है।

यह समाधान बैकग्राउंड में बिना किसी अतिरिक्त इंस्टॉलेशन के चुपचाप काम करता है और ग्राहकों के लिए पूरी तरह मुफ़्त है। राजस्थान जैसे डिजिटल रूप से अग्रणी राज्य, जहां ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर सरकारी सेवाएं तक तेजी से डिजिटल हो रही हैं, वहां एयरटेल की यह पहल एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल इकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। चाहे जयपुर का कोई प्रोफेशनल हो, अलवर की गृहिणी या कोटा का छात्र- एयरटेल हर डिजिटल इंटरैक्शन को पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित बना रहा है।

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