प्रकृति दोहन रोका नहीं गया तो स्वच्छ हवा भी नहीं मिलेगी: डीजीपी मेहरड़ा

0
193
If nature exploitation is not stopped, clean air will not be available: DGP Meharra
If nature exploitation is not stopped, clean air will not be available: DGP Meharra

जयपुर। सांगानेर टोंक रोड स्थित पिंजरापोल गौशाला में शनिवार को वैदिक पादक केन्द्र में आयोजित गौ आधारित कृषि और हमारा कत्र्तव्य विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में राजस्थान पुलिस महानिदेशक डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा उपस्थित हुए। डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कार्यक्रम की शुरुआत में श्री काल भैरव भगवान की पूजा-अर्चना की और हवन में सपत्नीक आहुतियां प्रदान की। उन्होंने गौ माताओं को चारा अर्पण कर सेवा का संदेश दिया।

उन्होंने संबोधन में कहा कि इस धरती पर जितना अधिकार मानव का है, उतना ही वृक्ष, पशु-पक्षियों का भी है। प्रकृति का दोहन यदि नहीं रोका गया तो भविष्य में स्वच्छ वायु, भोजन के लिए संसाधन दुर्लभ हो जाएंगे। पर्यावरण में पशु-पक्षी के योगदान को हमें स्वीकार करना ही होगा। गौ आधारित प्राकृतिक कृषि हमें प्रकृति की ओर लौटने की प्रेरणा देती है।

गौ ऋषि संत प्रकाश दास महाराज ने कहा संस्कृत, संस्कृति और संस्कार की रक्षा करना ही आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। जब मानव स्वयं को स्वस्थ रखेगा, तभी वह गौ माता की भी सही सेवा कर सकेगा। हम सभी को वेद लक्षणा गौवंश की रक्षा का संकल्प लेना होगा।

उन्होंने डॉ. अतुल गुप्ता के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने मुस्लिम देशों में देसी गायों के गोबर से बंजर भूमि को उपजाऊ बना कर यह संदेश दिया है कि परिश्रम और निष्ठा से गौमाता के क्षेत्र में भी वैश्विक स्तर पर कार्य किया जा सकता है। गौशाला में संचालित वेद विद्यालय के बटुकों ने आचार्य नितिन तिवाड़ी के नेतृत्व में वैदिक मंत्रों द्वारा स्वस्तिवाचन किया।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. अतुल गुप्ता ने कहा कि आने वाला समय आर्गेनिक खेती का है जो कि देसी नस्ल की गायों से ही संभव है। देसी नस्ल की गायों से बने उत्पादों से ही गोशालाएं आत्मनिर्भर बनेगी।

अपने कार्यों की चर्चा करते हुए बताया कि कार्यक्रम में शिव रतन चितलांगिया (महामंत्री, श्री पिंजरापोल गौशाला), मोनिका गुप्ता, मोहनलाल सांवरिया सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। जैविक खेती में सक्रिय महिलाओं से संवाद के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, पशु-पक्षियों के अधिकार और प्रकृति के संतुलन पर भी विचार-विमर्श हुआ। मोनिका गुप्ता ने आभार प्रकट किया। अंत में अतिथियों को किनोवा खिचड़ी, छाछ, बाजरे का मीठा व्यंजन एवं लेमन टी से युक्त विशेष अल्पाहार कराया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here