जयपुर। गोविंद देवजी मंदिर प्रांगण में रविवार सुबह पंच कुंडीय साधना संकल्प गायत्री महायज्ञ वैदिक विधि-विधान और भक्तिभाव के साथ सम्पन्न हुआ। जयपुर सहित आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में सम्मिलित हुए। यह आयोजन गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की महिला टोली- गायत्री कचोलिया और गायत्री तोमर के कुशल निर्देशन में सम्पन्न हुआ।
उन्होंने प्रज्ञा गीतों और युग प्रवचनों के माध्यम से उपस्थित जनसमूह को प्रेरणा दी तथा यज्ञ में गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र से आहुतियां अर्पित करवाईं। पूरे विश्व में मंडराए युद्ध के बादल छंटे और भारत विकसित राष्ट्र बनकर विश्व गुरु बने इस कामना के साथ विशेष आहुतियां भी प्रदान की गईए कार्यक्रम की शुरुआत में ठाकुर श्री राधा गोविंद देव जी, वेदमाता गायत्री, पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं भगवती देवी शर्मा का पंचोपचार पूजन विधि पूर्वक किया गया।
यज्ञ में उपस्थित सैकड़ों साधकों ने एक वर्ष तक गायत्री महामंत्र के नियमित जप का संकल्प लिया। नए साधकों ने प्रतिदिन तीन माला जप का संकल्प लिया, जबकि अनुभवी साधकों ने वर्ष भर में पाँच लाख मंत्रों के जप का व्रत लिया। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सम्पन्न इस कार्यक्रम में गायत्री शक्तिपीठ के सह व्यवस्थापक मणिशंकर पाटीदार ने कहा कि नवयुग सृजन साधना अभियान का उद्देश्य आत्मपरिष्कार और वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करना है। उन्होंने कहा, “घर-घर साधना, गांव-गांव आराधना और नगर-नगर आत्मजागरण” के उद्देश्य से यह अनुष्ठान अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो रहा है।
इस अवसर पर संकल्प पत्र भी वितरित किए गए, जिन्हें 20 जुलाई को श्री वेदमाता वेदना निवारण केंद्र, मानसरोवर में होने वाले सामूहिक संकल्प समारोह में एकत्र किया जाएगा। उस दिन 1100 से अधिक साधक यज्ञाग्नि की साक्षी में साधना का संकल्प लेंगे। कार्यक्रम पूर्णतया निशुल्क रहा एवं सभी आवश्यक सामग्री आयोजकों द्वारा उपलब्ध कराई गई। गायत्री चेतना केंद्र, बनीपार्क की ओर से युग साहित्य का निशुल्क वितरण भी किया गया। कार्यक्रम की पूर्णाहुति के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक पौधे लगाने का संकल्प लिया। साथ ही जन्मदिन एवं विद्यारंभ संस्कार भी विधि पूर्वक सम्पन्न कराए गए।