July 5, 2025, 4:12 am
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गोविंद देवजी मंदिर में 6 जुलाई को भक्तिभाव से मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी

जयपुर। गोविंद देवजी मंदिर में 6 जुलाई रविवार को देवशयनी एकादशी का पर्व भक्तिभाव से मनाया जाएगा। इस अवसर पर ठाकुरजी जी का पंचामृत अभिषेक कर उन्हे नवीन लाल रंग की नटवर पोशाक पहनाई जाएगी। इस मौके पर विशेष फूलों से ठाकुरजी का श्रृंगार किया जाएगा। वहीं रंग -बिरंगे फूलों के बंगले में ठाकुरजी विराजमान होंगे। मंदिर परिसर में सुबह मंगला झांकी के बाद ठाकुर श्रीजी का शालिग्राम स्वरुप में रथ पर विराजित कर दक्षिण -पश्विम कोने पर स्थित तुलसा मंच पर ले जाया जाएगा।

जहां मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक करेंगे। जिसके पश्चात तुलसी का पूजन किया जाएगा। जिसके बाद ठाकुरजी को भोग अर्पित कर चार परिक्रमा और आरती की जाएगी। जिसके पश्चात ठाकुर श्रीजी को खाट पर विराजमान कर निज मंदिर की परिक्रमा कराई जाएगी। इसके पश्चात उन्हे गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा।

नए नियमों के अनुसार मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी

नए नियम लागू होने के बाद यह पहली एकादशी है जिस नई दर्शन व्यवस्था के तहत मनाया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन ने ठाकुरजी के दर्शनों के लिए समय बढ़ोत्तरी भी की है। जिसके चलते भक्तगण प्रात सवा 4 से सवा 11 एवं सांय 4 से रात्रि साढ़े 8 बजे तक ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे। समय बढ़ोत्तरी के बाद भी भक्तगणों में नई व्यवस्था लागू करने को लेकर काफी रोष व्याप्त है।

मंदिर प्रांगण में आने वाले श्रद्धालुओं का आरोप है कि समय बढ़ाने के बाद भी ठाकुर जी के दर्शन करने की व्यवस्था पहले से ज्यादा जटिल हो गई है। नए नियमों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेजा और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह ने भी काफी रोष व्याप्त किया है।

वहीं कुछ संगठनों के साथ मिलकर स्थानीय लोगों ने नए नियमों को लेकर नाराजगी जताई है।वहीं मंदिर प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि मंदिर प्रांगण में बढ़ती भीड़ और दर्शनों को सुव्यवस्थित करने के लिए नए नियम लागू किए गए है। लेकिन आगे इन नियमों में भक्तगणों की प्रतिक्रिया के आधार पर संशोधन भी किया जा सकता है।

मंदिर में आने -जाने के रास्ते अलग-अलग

मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था में बदलाव करते हुए प्रवेश और निकास के लिए दो अलग-अलग द्वार बनाए है। जिस में नंगे पांव आने वाले श्रद्धालु मंदिर छावन से प्रवेश कर परिक्रमा करते हुए मुख्य निकास से बाहर निकलेंगे । वहीं जूत्ते -चप्पल पहन कर आने वाले भक्तगण रैंप मार्ग से दर्शन करेंगे और उसी रास्ते वो वापस लौटेंगे।मंदिर परिसर में बैठने,रुकने और फोटोग्राफी और वीडियो बनाने पर पूर्णता पाबंदी रहेगी। सभी नए नियमों को सही तरह से लागू करवाने के लिए मंदिर परिसर में 50 -60 स्वयंसेवक,20 सिक्योरिटी गार्ड और 25 से अधिक पुलिसकर्मी का जाप्ता तैनात किया जाएगा।

झांकी समय इस तरह रहेगा – मंगला झांकी: सुबह 04:15 से 06:30 तक,धूप झांकी: सुबह 07:15 से 09:00 तक, श्रृंगार झांकी: सुबह 09:30 से 10:15 तक, राजभोग झांकी: सुबह 10:45 से 11:30 तक, ग्वाल झांकी: शाम 04:00 से 04:15 तक, संध्या झांकी: शाम 05:45 से 06:45 तक, शयन झांकी: रात 08:00 से 08:30 तक

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