पर्यावरण संरक्षण को समर्पित पहल: गायत्री परिवार गुरु पूर्णिमा से जन्माष्टमी तक चलाएगा वृहद वृक्षारोपण अभियान

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Gayatri Parivar will run a massive tree plantation campaign from Guru Purnima to Janmashtami
Gayatri Parivar will run a massive tree plantation campaign from Guru Purnima to Janmashtami

जयपुर। गायत्री परिवार की ओर से वर्षा ऋतु में गुरु पूर्णिमा, 10 जुलाई से जन्माष्टमी, 16 अगस्त तक पर्यावरण संरक्षण को समर्पित वृहद् वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। गायत्री परिवार ने इस साल एक वृक्ष माताजी के नाम योजना के तहत देशभर में लाखों पौधे लगाने का संकल्प लिया है।

गायत्री परिवार इस अभियान को केवल वृक्ष लगाने का कार्य नहीं, बल्कि मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, गुरु के प्रति समर्पण और भावी पीढ़ी के लिए हरित भविष्य की नींव रखने का पुण्य प्रयास के रूप में संचालित करेगा। गायत्री परिवार ने अभियान के अंतर्गत दस वृक्षारोपण योजनाएं तैयार की है।

इसमें माताजी की बाड़ी,श्रद्धा रोपणी, माता भगवती वन, वनौषधियों की वाटिका, शाक वाटिका और गमले में बाड़ी,बीज बम अभियान,तुलसी वृंदावन की स्थापना, एक परिजन, एक वृक्ष प्रमुख है। माताजी की बाड़ी हर उस घर में लगाई जाएगी जहां 3&3 फीट स्थान उपलब्ध हो। वहाँ 50 औषधीय या उपयोगी पौधे रोपित कर 2026 तक उनका पालन-पोषण करने का आह्वान किया गया है।

श्रद्धा रोपणी के अंतर्गत हर शक्तिपीठ 10&10 फीट की रोपणी तैयार करेंगे जिसमें 500-1000 पौधे विकसित किए जाएंगे। इन पौधों को जन्मदिन, विवाहदिवस आदि पर तरु-प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। माता भगवती वन शिक्षण संस्थानों, खाली जमीन, टेकरी, नदी किनारे को गोद लेकर विकसित किया जाएगा। यह पर्यावरण के साथ माताजी को सजीव श्रद्धांजलि होगा।

गमलों लगाएंगे औषधीय पौधे:

घर पर वनौषधियों की वाटिका भी विकसित की जाएगी। तुलसी, गिलोय, एलोवेरा, वासा, हल्दी, अदरक जैसे 20 औषधीय पौधों को गमलों में लगाकर स्वास्थ्य संवर्धन का कार्य किया जाएगा। रसायन रहित, पोषण से भरपूर घरेलू सब्जियों की बाड़ी घर-घर में विकसित करने पर जोर दिया गया है। इसे शाक वाटिका और गमले में बाड़ी नाम दिया गया है। हर घर में तुलसी का बिरवा लगाकर धार्मिक और औषधीय चेतना को जागृत करने की अपील की गई है। जगह-जगह तुलसी वृंदावन की स्थापना की जाएगी।

एक परिजन, एक वृक्ष:

हर परिवार कम से कम एक पौधा अवश्य लगाए और एक वर्ष तक उसकी सेवा करे। यदि देशभर में करोड़ों परिवार यह करें तो यह अभियान हरित क्रांति का रूप ले सकता है। इस बार राखी के अवसर पर भाई-बहन एक-दूसरे के नाम का पौधा लगाकर उसे तरु भेंट करेंगे जिससे पर्व को नई अर्थवत्ता मिले। पूर्व में विकसित वनों में अब बड़े पेड़ों की छाया में वनौषधियों का रोपण कर उन्हें बहुस्तरीय हरित क्षेत्र में बदला जाएगा। श्रीराम स्मृति वन में औषधीय पौधों का रोपण किया जाएगा।

विचार क्रांति का यज्ञ है अभियान:

गायत्री परिवार राजस्थान जोन समन्वयक गौरीशंकर सैनी ने बताया कि यह अभियान केवल वृक्षारोपण का नहीं बल्कि विचार क्रांति का यज्ञ है। इसलिए सहभागी परिजनों को गायत्री साधना और युग साहित्य से जोडऩे का भी प्रयास किया जाएगा। औषधीय, धार्मिक, छायादार, फलदार और स्थानीय प्रजातियों को प्राथमिकता दी जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर ही तरुपुत्र रोपण महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

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