जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रदेश में बजरी खनन पर की जा रही बयानबाजी को बचकाना बताते हुए करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय अवैध खनन का इतना बोलबाला था, कि उनके खान मंत्री को उनके ही विधायक “खान माफिया” कहते थे और इस बारे में पत्र भी लिखते थे। स्वयं अशोक गहलोत जी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान विवशता जताते हुए कहा था, कि “अवैध खनन नहीं रूक पाने के कारण मुझे वीसी करनी पड़ रही है”।
अविनाश गहलोत ने सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में कनकांचल वन क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर संत विजयदास जी ने 551 दिन आंदोलन करने के बाद आत्मदाह कर लिया था तब अशोक गहलोत कहां थे? कांग्रेस और गहलोत जी बातें बड़ी करते हैं लेकिन वो खोखली होती है।
ये जनता जान चुकी है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र में हमारी सरकार ने ऐतिहासिक क़दम उठाए हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के समय वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में राजस्थान को 7 हजार 460 करोड़ रुपये का रॉयल्टी-राजस्व प्राप्त हुआ था। जो हमारी सरकार में 24 प्रतिशत बढ़ कर 9 हजार 228 करोड़ रुपये हो गया है।
अविनाश गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार ने माफ़ियाओं को पनपाने के लिए एक भी नवीन खनन पट्टा नीलाम नहीं किया। जबकि हमने अब तक के कार्यकाल में बजरी के 255 प्लाटों को दो हज़ार करोड़ रुपये के प्रीमियम पर सफल नीलाम किया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हमारी सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है और बजरी माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कांग्रेस के नेताओं ने ही लूट मचाई और अवैध खनन का कारोबार किया। उनके कार्यकाल में प्रदेश में बजरी माफियाओं का बोलबाला था। कांग्रेस के नेताओं को झूठी बयानबाज़ी से बाज आना चाहिये और अपनी सरकार के समय हुए अवैध खनन एवं घोटाले को ध्यान में रखना चाहिए। अविनाश गहलोत ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता में नहीं होने और लूट नहीं कर पाने का दुख सता रहा है। मगर जनता अब उनके इरादे समझ चुकी है।