मुंबई। डिजिटल रियल एस्टेट लेनदेन और एडवायजरी प्लेटफॉर्म PropTiger.com की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 8 प्रमुख आवासीय बाजारों में अप्रैल-जून तिमाही में घरों की बिक्री में साल-दर-साल 14% की गिरावट आई है। कीमतों को लेकर चिंताओं के चलते खरीदार ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में चले गए।
आरईए इंडिया (जिसके पास Housing.com का भी स्वामित्व है) का ही एक हिस्सा PropTiger.com की रिपोर्ट ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल – अप्रैल-जून 2025’ के अनुसार बेंगलुरु, चेन्नई और कोलकाता को छोड़कर बाकी सभी शहरों में बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। इस तिमाही में सबसे अधिक गिरावट एमएमआर (-32%) और पुणे (-27%) में दर्ज की गई। तिमाही दर तिमाही आधार पर ओवरऑल सेल्स में स्थिरता रही, हालांकि कई बाजारों में वृद्धि भी देखने को मिली। एमएमआर (27%), पुणे और बेंगलुरु (प्रत्येक 16%) ने कुल बिक्री में 59% का योगदान दिया।
PropTiger.com के सेल्स हेड श्रीधर श्रीनिवासन ने कहा, “घर की बिक्री और नई लॉन्चिंग में शॉर्ट-टर्म गिरावट दरअसल मांग में गिरावट नहीं बल्कि एक रीकैलिबरेशन है। विशेष रूप से बजट और मिड-इनकम सेगमेंट में किफायती विकल्पों की कमी के कारण खरीदार थोड़ा सतर्क हो गए हैं। हालांकि, कई शहरों में तिमाही आधार पर मजबूत वृद्धि यह दर्शाती है कि बुनियादी मांग अब भी बरकरार है। इससे यह भी पता चलता है कि एमएमआर, पुणे और बेंगलुरु जैसे प्रमुख बाजारों का प्रभुत्व कायम है।”
श्रीनिवासन ने कहा, “हम यह भी देख रहे हैं कि डेवलपर्स प्रीमियम सेगमेंट में खास दिलचस्पी ले रहे हैं, जो 2025 की पहली छमाही में जमीन की रणनीतिक खरीद में झलकता है। यह भारत के आवासीय बाजार में लंबी अवधि में विश्वास को दर्शाता है, जिसे मजबूत आर्थिक आधार और उपभोक्ता आकांक्षाएं चला रही हैं।”
मांग में नरमी के चलते नई लॉन्चिंग में गिरावट
रिपोर्ट में बताया गया है कि नई आपूर्ति तिमाही-दर-तिमाही और वर्ष-दर-वर्ष दोनों ही मामलों में कम हुई है, क्योंकि जियोपॉलिटिकल फेक्टर्स ने दूसरी तिमाही में मांग को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इस तिमाही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ गया था, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला किया था।
शहरवार विश्लेषण दर्शाता है कि एमएमआर, पुणे और अहमदाबाद में लॉन्चिंग घट गई जबकि अन्य बाजारों में आपूर्ति बढ़ी। कोलकाता में नई लॉन्चिंग करीब तीन गुना बढ़ी है, जो कि पिछले साल की कम आधार संख्या के कारण है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “क्षेत्रवार प्रदर्शन और बेहतर होते उपभोग रुझानों के बल पर व्यापक आर्थिक संकेतक अशांत वैश्विक माहौल में भारत की मजबूती की ओर इशारा करते हैं। इसलिए, यह केवल मांग-विशिष्ट मुद्दा नहीं है। बिक्री और लॉन्च, दोनों में गिरावट का कारण यह है कि औसत लागत में लंबे समय तक नाटकीय वृद्धि के बाद आवास खरीदने के सामर्थ्य में गिरावट आई है, जिससे किफायती आवास क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।”