श्री शिवमहापुराण कथा समिति का 18वां 251 सामूहिक पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक आज

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Som Pradosh: Indradev did the Abhishek of Mahadev, tableau was decorated
Som Pradosh: Indradev did the Abhishek of Mahadev, tableau was decorated

जयपुर। श्री शिव महापुराण कथा समिति,जयपुर के तत्वावधान में रविवार 3 अगस्त को 18वॉ 251 सामूहिक पार्थिंव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक का विशाल अनूठा आयोजन किया जाएगा। जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। भोले नाथ के अभिषेक के लिए हरिद्वार,कैलाश मानसरोवर,गलता व तीर्थंराज पुष्कर से टैंकरों के माध्यम से गंगाजल मंगवाया गया है।

समिति के महामंत्री अरुण खटोड़ ने बताया कि वर्ष – 2008 से समिति प्रत्येक वर्ष सामूहिक शिव पूजन करवाती आ रही है। अबकी बार 18वां सामूहिक पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजित किया जाएगा । ये धार्मिक कार्यक्रम अनंतम मैरिज गार्डन के समीप ,राजावास सीकर रोड हाइवे पर प्रात साढ़े 8 बजे भव्य कलश-यात्रा प्रारंभ होगा। कलश यात्रा अनंतम मैरिज गार्डन से रवाना होकर कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी।

कलश यात्रा में 251 महिला व 251 पुरुष होंगे शामिल

कलश-यात्रा में लवाजमा व बैण्ड की मधुर ध्वनियों एवं शिव भक्तों के जय घोष के साथ-साथ 251 महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर एवं 251 पुरुष अपने मस्तक पर पार्थिव शिवलिंग, विद्वान पंडित व भक्‍तजन भगवा झण्डे लहराते हुए घण्टे, घडियाल, शंख ध्वनी करते हुए, नाचते-गाते हुए अनंतम मैरिज गार्डन में पहुँचेंगी।

हरिद्वार,कैलाश मानसरोवर,गलता व तीर्थंराज पुष्कर के जल से होगा बाबा का अभिषेक

समिति अध्यक्ष और महारुद्राभिषेक आचार्य सुरेश शास्त्री ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक में भाग लेने वाले प्रत्येक यजमान दम्पति अलग-अलग पार्थिव शिवलिंग अपने समक्ष रखकर सस्वर, सविधिक, बृहद रुद्र पाठ द्वारा शिव पूजन-अर्चन एवं अभिषेक करेंगे । पिछली बार की तरह इस बार भी विशेष रूप से 108 औषधियों से भगवान आशुतोष शिव का अभिषेक किया जाएगा। सम्पूर्ण रुद्र पाठ के दौरान गंगाजल, दुग्ध, पंचामृत, गन्ने का रस, विजया (भांग) इत्यादि द्वारा पार्थिव शिवलिंगों का अभिषेक किया जाएगा ।

रुद्राभिषेक के लिए हरिद्वार से गंगाजल का टैंकर, कैलाश मानसरोवर, गलता एवं तीर्थराज पुष्कर से जल मंगवाया गया है । 251 पार्थिव शिवलिंगों का यजमान दम्पतियों के माध्यम से अभिषेक करवाने के पश्चात महाआरती का आयोजन किया जाएगा। महाआरती के पश्चात पूजित पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन अगले दिन विधि-विधान से हरिद्वार में समिति के प्रमुख कार्यकर्ताओं के माध्यम से करवाया जाएगा।

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