जयपुर। राजस्थान सीआईडी इंटेलीजेंस की ओर से गिरफ्तार जासूसी के आरोप में डीआरडीओ गेस्ट हाउस चांदन फिल्ड फायरिग रेंज जैसलमेर के संविदा कर्मी मैनेजर महेन्द्र को बुधवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन का रिमांड मांगा। कोर्ट ने आरोपित महेन्द्र को 15 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया हैं। इस दौरान देश की सभी खुफिया एजेंसियां महेन्द्र से पाक जासूसों को भेजी गई जानकारी के सम्बन्ध में पूछताछ करेगी।
पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी (सुरक्षा) राज. जयपुर डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि सीआईडी इंटेलिजेंस के पास ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इनपुट मिला की डीआरडीओ से कुछ जानकारी पाक के संदिग्ध नम्बरों पर भेजी जा रही हैं। जिस के बाद इंटेलिजेंस की टीमें एक्टिव हुई और नम्बरों को सर्विलांस पर लेकर काम करने लगी। आरोपित महेन्द्र ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डीआरडीओ में आने वाले वैज्ञानिकों की सभी जानकारी और ऑपरेशन से सम्बन्धित जानकारी पाक जासूसों के साथ साझा की।
इस में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनकी क्या प्लानिंग हैं, कौन-कौन वैज्ञानिक दोनों देशों के बीच फैले तनाव के दौरान डीआरडीओ में आ रहे हैं। वह किस प्रकार की प्लानिंग और एक्शन की तैयारी की जा रही हैं। सभी प्रकार की सामरिक जानकारी और फोटोग्राफ आरोपित के द्वारा निरंतर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक हैंडलर्स को भेजी गई। आरोपित के द्वारा इन सभी जानकारियों को पाक एजेंट को देने के लिए कितना पैसा लिया इस पर काम किया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आरोपित का लगातार पाक हैंडलर्स के साथ संपर्क बढा था। इसके बारे में जानकारी की जा रही है।
चांदन फायरिंग रेंज में डीआरडीओ में काफी समय से मैनेजर के पद पर आरोपित जासूस महेन्द्र तैनात था। डीआरडीओ में देश के सीनियर ऑफिसर, वैज्ञानिक, मिसाइलों का परीक्षण करने के लिए आते थे। चांदना फायरिंग रेंज में आने वाले हर वीवीआईपी का कार्यक्रम सबसे पहले महेन्द्र कुमार के पास ही आता था।
आरोपित महेन्द्र के मोबाइल पर चंदन नाम से पाक हैंडलर्स का नाम सेवा था। जो चांदन फिल्ड फायरिग रेंज जैसलमेर में मिसाइल व अन्य हथियारों के परीक्षण कार्य के लिए आने वाले डीआरडीओ वैज्ञानिको एवं भारतीय सेना के अधिकारियों के आवागमन से संबंधित गोपनीय सूचनाएं पाक हैण्डलर को उपलब्ध करवा रहा था।