जयपुर। राजधानी जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित श्री राधा दामोदर मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव पर शनिवार को विशेष आयोजन हुए। जहां मंदिर में ठाकुर जी का स्वरूप ढाई साल के बालक के रूप में विराजमान है। इसी कारण यहां जन्माष्टमी का उत्सव परंपरा अनुसार दिन में मनाया जाता है और शाम को नंदोत्सव होता है। यह परंपरा परमार वृंदावन से करीब 500 सालों से चली आ रही है और जयपुर में पिछले 300 सालों से निभाई जा रही है।
मंदिर पुजारी मलय गोस्वामी ने बताया कि उत्सव की शुरुआत सुबह 5:30 बजे मंगला आरती से हुई। इसके बाद श्रृंगार दर्शन सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक रहे। सुबह 11 बजे जन्म व्रत कथा हुई और दोपहर 12 बजे से जन्मोत्सव आरंभ हुआ। इस दौरान जगमोहन में विशेष झांकी सजाई गई। ठाकुर जी का सर्व सिद्धि, पंचगव्य और पंचामृत से अभिषेक किया गया, जो करीब 1 घंटे तक चला। झांकी में माखन-मिश्री, धनिए की पंजीरी और छप्पन भोग सजाए गए। दोपहर 1:30 बजे महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
जन्मोत्सव पर ठाकुर जी को झूले में विराजमान किया गया और उन्हें पीले रंग की नई अधिवास पोशाक धारण कराई गई। मंदिर परिसर के बाहर आतिशबाजी हुई और 21 तोपों की सलामी दी गई। वहीं जिया बैंड की प्रस्तुति ने माहौल को और भक्तिमय बना दिया। वहीं इसी परंपरा अनुसार ठाकुर जी का नंदोत्सव शनिवार शाम मनाया गया। इस दौरान भक्तगण भजन-कीर्तन करेंगे और विशेष झांकियों के दर्शन किया।