जयपुर। मुहाना थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दुपहिया वाहन चुराने वाले एक शातिर वाहन चोर को गिरफ्तार किया है और उसके पास से ग्यारह चोरी की बाइक सहित पार्ट्स लगी बाइक भी बरामद की है। पुलिस पूछताछ में आरोपित ने अब तक पचास दुपहिया वाहन चुराने की वारदातों को अंजाम देना कबूला है। फिलहाल आरोपित से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त दक्षिण जयपुर शहर राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि मुहाना थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दुपहिया वाहन चुराने वाले एक शातिर और अव्वल दर्जे का वाहन चोर परसुराम मीना निवासी नगर फोर्ट जिला टोंक हाल मुहाना जयपुर को गिरफ्तार किया है। आरोपित वाहन चोर परशुराम मीना ने पिछले एक साल में मुहाना व आस पास के क्षेत्र से 50 मोटरसाइकिल चोरी करना कबूल किया।
जिसके कब्जे से अब तक चोरी की 11 मोटरसाइकिल व पार्ट्स लगी मोटरसाईकिलें बरामद की है। वाहनो का इंजन नंबर चेसिस नंबर खुदवाकर असली मोटरसाइकिल की डुप्लीकेट आरसी निकलवा कर टोक बूंदी व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेच देते है। आरोपित वाहन चोर परशुराम मीना व गैंग के अन्य सदस्य ग्रामीण क्षेत्र में एक्सीडेंट व पुरानी मोटरसाइकिल जिसको पार्ट्स की जरूरत हो को चोरी की मोटरसाइकिल बेच देते है । पुलिस परशुराम मीना की गैंग के फरार अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि वाहन चोर परसुराम मीना अपने गांव से बस में बैठकर जयपुर आता जिसमें कई बार अकेला व कई बार वाहन चोरी गैंग के अन्य साथी साथ रहते थे । जो जयपुर आकर सांगानेर मानसरोवर व मुहाना क्षेत्र में घुम कर मौका पाकर बाइक चुरा लेते थे । जितने लोग आते उतनी ही बाइक चुराकर ले जाते थे तथा बाइक चुराकर गांव की तरफ या जयपुर में ही कहीं छुपा देता था ।
जिसके बाद टोक बूंदी व अन्य ग्रामीण क्षेत्र के लोग जो चोरी की मोटरसाइकिल खरीदने वाले ग्राहक मिलने पर उसे बाईक का मेक मॉडल बता देता तथा दूसरी अन्य बाइक (जो किसी जानकार की होती लेकिन असली व बिना चोरी की होती है) की आर सी की फोटो स्टेट मंगवाकर गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर चोरी गई मोटरसाइकिल में असली मोटरसाइकिल (जो बिना चोरी की आरसी मंगवाते ) के इंजन नंबर व चैसिस नम्बर खुदवाकर उसे बेच देते।
जिसका इंजन नम्बर चैसिस नम्बर खुदवाते उसकी या तो डुप्लीकेट आरसी निकलवा कर ग्राहक को देते या फिर रंगीन फोटो स्टेट आरसी की निकलवाकर चोरी की बाइक के साथ ग्राहक को दे देते थे। जिससे आसानी से चोरी की मोटरसाइकिल होने का पता नहीं लगाया जा सकता । वाहन चोर परशुराम मीना गैंग के अन्य सदस्यों के गिरफ्तार होने पर अन्य वारदातों के खुलने की संभावना है ।