इस बार 22 को पितृ कार्य और 23 को देवकार्य अमावस्या

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जयपुर। अमावस्या तिथि हर माह कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन आती हैं । भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 22 अगस्त शुक्रवार को सुबह 11: 57 बजे प्रारंभ होगी जो 23 अगस्त शनिवार को सुबह 11:37 बजे तक रहेगी । आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि 22 अगस्त के दिन पिठौरी अमावस्या, पितृ कार्य अमावस्या रहेगी। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान,पितृ पूजन,तर्पण,श्राद्ध आदि करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

इस दिन ब्राह्मण, गाय,कौवे और कुत्ते को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं । 23 अगस्त शनिवार को शनिचरी अमावस्या,देव कार्य अमावस्या और कुशाग्रहणी अमावस्या रहेगी । इस दिन की पीपल की पूजा और शनि देव की पूजा करने से कुंडली में वर्णित शनि दोष दूर हो जाता हैं। इस दिन कुशा ग्रहण करने से वह पूरे साल काम आती हैं । दोनों दिन अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:01 से 12:52 तक पूजा करें।

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