जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) सोसाइटी की बैठक दिल्ली स्थित निर्माण भवन में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने की। मीटिंग में उपाध्यक्ष के रूप में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा सहित मीटिंग मंत्रालय और संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी ओर एनआईए सोसाइटी के सदस्य मौजूद रहे।
मीटिंग में आयुर्वेद चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने, शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और अनुसंधान गतिविधियों को गति देने पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि एनआईए जैसी संस्थाएँ देश में आयुर्वेद और आयुष चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक स्तर तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान का लक्ष्य आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को आधुनिक शोध तकनीकों के साथ जोड़कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना है।
कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बताया जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान देश का प्रथम आयुष क्षेत्र का मानद विश्वविद्यालय है। यहाँ प्रतिवर्ष 4 लाख से अधिक ओपीडी और 25 हजार से ज्यादा आईपीडी रोगियों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। संस्थान को एनएएसी की ‘ए’ ग्रेड, एनएबीएच और एनएबीएल जैसी प्रतिष्ठित मान्यताएँ प्राप्त हैं। वर्तमान में 15 देशों के विद्यार्थी यहाँ अध्ययनरत हैं। एनसीआईएसएम ने एनआईए को देश का सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक संस्थान घोषित किया है। मीटिंग में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की ओर से कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा, कुलसचिव प्रोफेसर अनीता शर्मा, प्रोफेसर सुदीप्त रथ, संयुक्त निदेशक जयप्रकाश शर्मा एवं उपनिदेशक चन्द्रशेखर शर्मा ने भाग लिया।