जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय) जयपुर के द्रव्यगुण विभाग की ओर से आयोजित छह दिवसीय सीएमई ‘द्रव्यगुणोदीयमानम’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के सहयोग से आयोजित किया गया था। देश के विभिन्न राज्यों से आए 30 द्रव्यगुण विशेषज्ञ शिक्षकों ने इसमें भाग लिया।
इस समारोह की अध्यक्षता चेयरमैन, पीसीआईएमएच एवं पूर्व निदेशक प्रो. महेश चंद्र शर्मा ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में द्रव्यगुण विज्ञान की वर्तमान प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक पक्ष को समझना समय की आवश्यकता है।” उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
इस अवसर पर द्रव्य गुण विभागाध्यक्ष प्रो. सुदीप्त रथ ने बताया कि सीएमई का उद्देश्य शिक्षकों को द्रव्यगुण विज्ञान के नवीनतम शोध, उपकरणों और विधियों से अवगत कराना था। कार्यक्रम के दौरान व्याख्यान, प्रायोगिक सत्र, आधुनिक उपकरणों का प्रशिक्षण, औषधि विकास और अनुसंधान इकाई का अवलोकन एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के जामडोली स्थित धन्वंतरी उपवन में औषधीय पौधों की जानकारी लेने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
क्षेत्रीय भ्रमण में प्रतिभागियों ने औषधीय पौधों की पहचान कर उनके चिकित्सीय महत्व पर चर्चा की।कार्यशाला में प्रो. मीता कोटेचा, डॉ. सुभाष साहू, डॉ. अशोक और डॉ. शिवानी एवं अन्य विशेषज्ञों ने अपने शोध और अनुभव साझा किए।