महिला एवं बाल अधिकारों की सुरक्षा पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन

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Organizing a two-day state level conference on protection of women and child rights
Organizing a two-day state level conference on protection of women and child rights

जयपुर। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों से निपटने के लिए, सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (सीडीटीआई) जयपुर में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राजस्थान सरकार और एएचटीयू, राजस्थान पुलिस की नागरिक अधिकार शाखा के सहयोग से दो दिवसीय इंटर एजेंसी स्टेट कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का विषय न्यू क्रिमिनल लॉ और अन्य कानूनों में महिला एवं बच्चों से संबंधित प्रावधान व मिशन वात्सल्य की भूमिका था, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

सीडीटीआई के निदेशक डॉ अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दौरान कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए। पहले दिन सुश्री श्वेता धनखड़, आईपीएस, डीआईजीपी (नागरिक अधिकार), पीएचक्यू, जयपुर, इस अवसर पर सम्मानित मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रही, डॉ. राजीव सोनी ने एनसीएल (नवीन आपराधिक कानून) और अन्य कानूनों में महिलाओं और बच्चों से संबंधित प्रावधानों पर प्रकाश डाला। इसके बाद चंद्रकिरण चोकर, संयुक्त निदेशक, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने वात्सल्य पोर्टल की जानकारी और उसकी कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा की।

दूसरे दिन महिला सशक्तिकरण योजनाओं और नीतियों पर उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग जयपुर डॉ. जगदीश प्रसाद ने अपना संबोधन दिया, जबकि मोहम्मद जुनैद उल इस्लाम,, सलाहकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ,नई दिल्ली ने बाल अधिकारों, जेजे एक्ट 2015 और मिशन वात्सल्य पर बात की। मिस रीमा सैनी, डायरेक्टर साइबरवीर फाउंडेशन ने साइबर सुरक्षा और महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराधों के बारे में जानकारी दी।

वरिष्ठ अधिकारियों ने किया संबोधित

कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत बीपीआर एन्ड डी और सीडीटीआई की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से हुई। इसके बाद डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने सभी का स्वागत किया।

इस दौरान मुख्य अतिथि मालिनी अग्रवाल आईपीएस, डायरेक्टर जनरल, सिविल राइट्स, राजस्थान ने भी अपने विचार व्यक्त किए और अपराधों की रोकथाम में अंतर-एजेंसी समन्वय के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंत में सीडीटीआई के उप-प्राचार्य अरुण माच्य ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

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