जयपुर। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व हैं । पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र 22 सितंबर सोमवार से प्रारंभ हो रहे हैं और समापन 2 अक्टूबर दशहरा के दिन हो रहा हैं। नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को होने से इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आएगी । जिसे धार्मिक दृष्टि से बहुत ही शुभ माना गया हैं । इस बार दो दिन 24 और 25 को तृतीया तिथि वृद्धि के कारण नवरात्रि 10 दिन रहेंगे।
आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि 22 सितंबर को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:19 से 7:49 तक, इसके बाद सुबह 9:19 से 10: 49 तक, अभिजीत मुहूर्त दोपहर में 11:55 से 12:43 तक हैं । नवरात्र में नवदुर्गा के साथ भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पूजा विशेष रूप से की जाती हैं । दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर मंगलवार को, महानवमी 1 अक्टूबर बुधवार को और विजयदशमी दशहरा 2 अक्टूबर गुरुवार को हैं।
विजयादशमी स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त हैं । इस दिन गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, भूमि- भवन, वाहन, आभूषण, क्रय विक्रय कर सकते हैं तथा सभी मांगलिक कार्य संपन्न कर सकते हैं । गुरुवार को ही नवरात्रौत्थापन हो जाएगा।