सिंधी समाज ने भक्तिभाव से मनाया असूचंड पर्व

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Chetichand Sindhi Fair on 9th April
Chetichand Sindhi Fair on 9th April

जयपुर। सिंधी समाज ने मंगलवार को असूचंड पर्व श्रद्धा भाव से मनाया। मंदिरों में सुबह भगवान झूलेलाल का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई गई। मंदिर के शिखर पर नई धर्म ध्वजा फहराई गई। पूजा-अर्चना के बाद महाआरती की गई। भगवान को हलवे-छोले का भोग लगाया गया। कई मंदिरों में बच्चों का मुंडन और जनेऊ संस्कार कराया गया। शाम को छेज नृत्य और डांडिया का कार्यक्रम हुआ। विशेष पल्लव प्रार्थना के साथ पर्व का समापन हुआ।

राजापार्क की सिंधी कॉलोनी स्थित झूलेलाल मंदिर में धर्मगुरु साईं मुकेश साध ने सुबह ध्वजारोहण किया। पूज्य सिंधी पंचायत, हाउसिंग बोर्ड, शास्त्री नगर के अध्यक्ष हरीश असरानी ने बताया कि सेक्टर 5 स्थित झूलेलाल मंदिर में ज्योति प्रज्वलन, भंडारे और अन्य धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। शाम को सभी ने चंद्र दर्शन किए। मान्यता है कि द्वितीया तिथि के चंद्रमा के दर्शन मात्र से मन के विकार दूर होते हैं और यह सौभाग्य और कल्याणकारी माना जाता है।

ऐसे हुई शुरुआत:

तुलसी संगतानी ने बताया कि सिंधी समाज के इष्टदेव भगवान झूलेलाल अनंत चतुर्दशी को अंतरध्यान हुए थे। उनके अंतरध्यान के बाद उडेरो लाल स्थान (सिंध) पर अखंड ज्योति प्रज्जवलित की गई और तुरबत का निर्माण किया गया। इसके बाद शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को समाज एकत्र होकर इस पर्व को मनाने लगा। इसे असूचंड एवं एकता दिवस के नाम से जाना जाता है।

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