श्री सरस निकुंज में पारंपरिक अन्नकूट महोत्सव आज

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जयपुर। सुभाष चौक पांनो का दरीबा स्थित श्री शुक सम्प्रदाय आचार्य पीठ “श्री सरस निकुंज” में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन रविवार को शाम 4 बजे से होगा। इससे पूर्व दोपहर दो से अपराह्न चार बजे तक महोत्सव समाज होगा। श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुर जी को पद गायन से रिझाया जाएगा।

श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि इस अवसर पर श्री ठाकुर, श्री राधा सरस बिहारी जी और पूर्ववर्ती आचार्य को मूंग, मोठ, चोला, चावल, बाजरा, मिक्स सब्जी, पूरी सहित विविध मोटे अनाजों से बने व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। ठाकुर जी को सकरी और अन सकरी यानी कच्ची पक्की भोग सामग्री, शारदीय व्यंजन तथा ऋतु फलों का भी भोग लगाया जाएगा ।

श्रद्धालुओं को पंगत में बैठा कर प्रसादी ग्रहण कराई जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश और निकास की अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। शनिवार को पूरे सरस निकुंज परिसर को फूलों और बंदरवाल से सजाया गया।

गौरतलब है कि अन्नकूट महोत्सव की तैयारी लगभग एक माह पूर्व ही शुरू हो गई थी। विभिन्न कृषि मंडियों से मोटे अनाजों के सैंपल मंगा कर उनका चयन किया गया। इसके बाद थोड़ी मात्रा में व्यंजन बनाकर स्वाद की जांच की गई। स्वाद और गुणवत्ता के आधार पर ही अनाज पर्याप्त मात्रा में मंगाए गए, जिन्हें खुले में धूप देकर धोकर कई दिनों तक सुखाया गया। विशेष रूप से देसी बाजरा कई गांवों से मंगाया गया।

मोटे अनाज का चयन स्वयं पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज की पारखी नजर से किया गया, जिसमें अनाज का आकार, चमक और गुणवत्ता प्रमुख मानदंड रहे। हरी सब्जियों को पाँच-छह बार धोया जाएगा, जबकि कढ़ी के लिए तीन दिन पूर्व दूध से दही जमाया जाएगा। सभी व्यंजन अनुभवी हलवाई अत्यंत शुद्धता और भक्ति भाव से तैयार करेंगे।

भोजन निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया पीठाधीश्वर महाराज की प्रत्यक्ष निगरानी में होगी। यही कारण है कि श्री सरस निकुंज के अन्नकूट महोत्सव का भक्तगण वर्ष भर प्रतीक्षा करते हैं। यह केवल एक भोग नहीं, बल्कि भक्ति, शुद्धता और स्नेह का अद्भुत संगम है।

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