जयपुर। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और राजकॉम्प इन्फो सर्विसेस में लाखों रुपए के घोटाले का एक मामला सामने आया है। दरअसल राजकॉम्प के जॉइंट डायरेक्टर प्रद्युमन दीक्षित ने यह पूरा खेल किया है। जिसने अपनी पत्नी पूनम दीक्षित के नाम पर कागजों में खेल कर दो निजी कंपनियों से पूनम के पांच अलग-अलग खातों में 37.54 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर करवाई। दरअसल प्रद्युमन ने अपनी पत्नी पूनम को ओरियन प्रो सॉल्यूशंस और ट्रिजेन सॉफ्टवेयर लिमिटेड नामक दो कंपनियों में बिना काम किए ही कार्यरत दिखा जनवरी 2019 से सितंबर 2020 तक 37.54 लाख रुपए का भुगतान उठा लिया। जबकि इस समय अवधि में पूनम कभी भी कार्यालय नहीं गई।
डाटा सेंटर में जॉइंट डायरेक्टर रहते हुए किया घोटाला
इस पूरे घोटाले को लेकर परिवादी टी.एन.शर्मा ने एसीबी में शिकायत की और तमाम दस्तावेज प्रस्तुत किए। जिसके आधार पर एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करना शुरू किया है। एसीबी की जांच में सामने आया है कि डाटा सेंटर के ज्वाइंट डायरेक्टर रहते हुए प्रद्युमन ने पद का दुरुपयोग कर ओरियन प्रो कंपनी को टेंडर दिलवाए। टेंडर दिलवाने के बदले में अपनी पत्नी पूनम के खाते में हर महीने 1.60 लाख रुपए की राशि सैलरी के रूप में डलवाई। पूनम को एक साथ दो अलग-अलग कंपनियों में कार्यरत दिखा सैलरी के रूप में लाखों की राशि ली गई। जिन दोनों कंपनियों में पूनम को कार्यरत दिखाया गया उन दोनों कंपनियों से राशि प्राप्त कर उन्हें टेंडर भी प्रद्युमन की ओर से दिलाए गए।
हाई कोर्ट के आदेश पर एसीबी ने पीई दर्ज कर शुरू की जांच तथ्य प्रमाणित होने पर हुई एफआईआर
पेशे से वकील परिवादी टी.एन.शर्मा ने तमाम सबूत जुटाने के बाद राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की। राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा सितंबर 2024 में दिए गए आदेश पर जुलाई 2025 में एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज कर शिकायत की जांच करना शुरू किया। कंपनियों और बैंक खातों की जानकारी खंगालने पर पूरा घोटाला सामने आया, इसके बाद अब एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर जांच करना शुरू किया है। पूरे घोटाले को लेकर एसीबी ने प्रद्युमन दीक्षित, पूनम दीक्षित, डाटा सेंटर के उपनिदेशक राकेश कुमार, कमलेश और दोनों कंपनियों के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
एसीबी के डीएसपी नीरज गुरनानी को प्रकरण में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस पूरे घोटाले को लेकर एसीबी लगभग अपनी जांच पूरी कर चुकी है। अब आरोपियों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा और यह माना जा रहा है कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी। डीओआईटी में इसी तरह से और भी कई चीजों को लेकर बड़े-बड़े घोटाले सामने आए हैं, जिनको लेकर एसीबी में और भी कई शिकायतें की गई है।




















