अस्पताल ने बिल न भरने पर शव रोका, परिजनों ने किया हंगामा

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The hospital withheld the body for not paying the bill, and the family created a ruckus.
The hospital withheld the body for not paying the bill, and the family created a ruckus.

जयपुर। राजधानी जयपुर में रविवार को एक संवेदनहीन घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। शहर के प्रतिष्ठित संतोकबा दुर्लभजी हॉस्पिटल (एसडीएमएच) में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से बकाया बिल का भुगतान न होने पर शव सौंपने से मना कर दिया।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने लगभग 24 घंटे तक शव को रोके रखा। जबकि वे लगातार अनुरोध करते रहे। इस घटना के विरोध में मृतक के परिवारजन और स्थानीय लोगों ने अस्पताल परिसर में जोरदार हंगामा किया।

वहीं मामले की जानकारी मिलने पर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा मौके पर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर कड़ी नाराज़गी जताई और कहा कि “यह हमारी सरकार की कमजोर मॉनिटरिंग का नतीजा है। किसी निजी अस्पताल को इंसानियत भूलकर शव रोकने का अधिकार नहीं है। सरकार ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करेगी।”

मंत्री ने मौके पर मौजूद गांधीनगर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने परिजनों से लिखित शिकायत लेकर जांच शुरू कर दी। कृषि मंत्री के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव परिजनों को सौंप दिया।

इधर अस्पताल प्रशासन ने अपने बचाव में कहा कि मृतक के इलाज का बकाया बिल भुगतान नहीं हुआ था, जिसके कारण शव को रिलीज करने की प्रक्रिया रोकी गई थी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि “हमने परिजनों से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन भुगतान न होने के कारण औपचारिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

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