जयपुर। सूर्य उपासना के चार दिवसीय छठ महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार शाम को जयपुर में निवास कर रहे पूर्वांचल के श्रद्धालुओं ने सोमवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित कर छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर की आराधना की। सोमवार रात्रि को भक्ति संगीत और छठ मैया के गुणगान के साथ जागरण का आयोजन हुआ। पूर्वांचल और मिथिलांचल के लोक कलाकारों ने छठ मैया का स्थानीय भाषा में गुणगान किया।
मुख्य आयोजन गीता जी तीर्थ में हुआ। यहां हजारों की संख्या में छठ व्रती अर्घ्य देने पहुंचे। घाट सजेवली मनोहर,मईया तोरा भगती अपार, । लिहिएं अरग हे मईया, दिहीं आशीष हजार…लोग गीत के साथ 36 घंटे निर्जल निराहार रहे व्रतियों ने अघ्र्य दिया। सोमवार को शाम ढलने से पूर्व ही गलताजी के घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी है। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे हुए लोग इस लोक आस्था के महापर्व में डूबे हुए नजर आए।
सिविल लाइंस के हरिपुरा क्षेत्र में पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर उद्यान में नवनिर्मित छठ पूजन स्थल पर सिविल लाइंस के श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया। छठ पूजन स्थल को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया। शाम ढलते ही यहां बड़ी संख्या में छठ व्रती नंगे पांव छठ मैया के गीत गाते पहुंचे। विधायक गोपाल शर्मा ने सभी का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। गोपाल शर्मा ने सभी को छठ महापर्व की हार्दिक बधाई दी। व्रतियों ने दिल खोलकर गोपाल शर्मा को आशीर्वाद प्रदान किया।
इसके अलावा शास्त्री नगर में किशन बाग, दिल्ली रोड, प्रताप नगर, मालवीय नगर, मुरलीपुरा, आमेर मावटा, निवारू रोड, कटेवा नगर, सिरसी रोड, झोटवाड़ा, विश्वकर्मा, आदर्श नगर, 22 गोदाम सहित अनेक स्थानों पर भी पर्व मनाया गया। बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री चंदन कुमार सहित अन्य पदाधिकारी विभिन्न छठ पूजा स्थल पहुंचे। जयपुर और आस-पास के क्षेत्रों में निवास कर रहे पूर्वाचंल के श्रद्धालुओं में सुबह से ही छठ मैया के पूजन के लिए भारी उत्साह दिखा।
आज उदीयमान सूर्य को देंगे अर्घ्य:
बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुरेश पंडित ने बताया कि मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ महापर्व का समापन होगा। व्रती लोग सूर्य के उदय होने से पूर्व ही बांस की टोकरी में नारियल, गन्ना, कच्ची हल्दी, नींबू, अदरक, सेव, संतरा सहित सभी तरह के मौसमी फल लेकर पानी में खड़े हो जाएंगे। जैसे ही सूर्य उदित होंगे लोक गीतों के साथ परिवार की सुख-समृद्धि के लिए अर्घ्य प्रदान करेंगे।




















