जयपुर। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) भारत सरकार के ऐतिहासिक निर्णय का हृदयपूर्वक स्वागत करता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समय से प्रतीक्षित चार श्रम संहिताओं को लागू किया गया है। यह संहिताएँ देश के सम्पूर्ण श्रमिक वर्ग की गरिमा, सुरक्षा और उत्कृष्ट कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
बीएमएस के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुखभाई मांडविया से भेंट की और श्रम संहिताओं के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। जिसमें संहिताओं से जुड़े कुछ प्रमुख चुनौतियाँ भी शामिल थीं। श्रम मंत्री ने आश्वासन दिया कि भारतीय मजदूर संघ ( बीएमएस ) द्वारा उठाए गए सुझावों तथा चिंताओं के समाधान के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। श्रम मंत्री के सहयोगात्मक, समन्वयकारी और श्रम हितैषी दृष्टिकोण के लिए उनका विशेष धन्यवाद करते हैं।
चारों श्रम संहिताएं श्रम बाजार की नई और उभरती वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए रूपांतरित की गई हैं। नियोजित रोजगार की सीमाओं से आगे वेतन–रक्षण का विस्तार तथा असंगठित एवं नव-विकसित क्षेत्रों तक सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाना आधुनिक कार्यबल की आकांक्षाओं के अनुरूप दूरदर्शी सुधारों का द्योतक है।
बीएमएस पूरे देश में श्रम संहिताओं के प्रभावी और सुगम क्रियान्वयन के लिए पूर्ण सहयोग देने के प्रति प्रतिबद्ध है। हम सरकार एवं सभी संबंधित पक्षों के साथ संवाद जारी रखेंगे ताकि श्रमिकों का कल्याण श्रम शासन का केंद्रीय बिंदु बना रहे। बीएमएस का मानना है कि यह भारत की एक न्यायसंगत, समयोचित और सशक्त श्रमिक व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।




















