135 छात्र-छात्राओं ने वैदिक औषधीय वन में सीखी गौ-आधारित जैविक खेती

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135 students learn cow-based organic farming in the Vedic Medicinal Forest
135 students learn cow-based organic farming in the Vedic Medicinal Forest

जयपुर। सांगानरे स्थित पिंजरापोल गौशाला में रविवार को संटे अल्सलम स्कूल नॉर्थ,झोटवाड़ा के 135 छात्र-छात्राओं ने शैक्षणिक भ्रमण किया। शिक्षार्थियों का स्वागत पारंपरिक गौ माता की पूजा-अर्चना से किया गया। इसके बाद सभी ने श्री काल भैरव भगवान के दर्शन किए।
इस शैक्षणिक यात्रा का नेतृत्व फादर प्रिंसिपल – थॉमस मणिपरम्बिल ने किया गया। उनके साथ स्कूल के सम्मानित स्टाफ सदस्य नीता शर्मा, पुनीता चौहान,रघुराज, लक्ष्मीकांत अग्रवालभी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयोजक डॉ. अतुल गुप्ता ने किया। उन्होंने प्रिंसिपल व स्टाफ सदस्यों के साथ मिलकर बच्चों को निम्न विषयों पर व्यावहारिक और गहन प्रशिक्षण प्रदान किया। गौ-आधारित कृषि एवं खाद निर्माण, गाय के गोबर से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया, गोबर से बैक्टीरिया युक्त खाद तैयार करने के वैज्ञानिक तरीके, गौ-आधारित कृषि के लाभ, आंवला की खेती और आंवला आधारित उत्पाद निर्माण,आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य जागरूकता, मोटापा, डायबिटीज, बीपी , कैंसर, किडनी, अस्थमा, माइग्रेन जैसी बीमारियों को लेकर छात्रों ने प्रश्न पूछे।

इस पर डॉ. गुप्ता ने सफ़ेद मूसली, अश्वगंधा, चिरायता, काली हल्दी, आंवला सहित कई औषधीय पौधों के गुण बताए। उन्होंने कहा भारत का आयुर्वेद विश्व की धरोहर है। औषधीय पादपों की खेती और संरक्षण समय की आवश्यकता है।

छात्रों ने जैविक खेती, गौ-आधारित कृषि और आयुर्वेद के प्रति गहरी रुचि दिखाई तथा संकल्प लिया कि वे किसानों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। डॉ. अतुल गुप्ता ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत को यूरिया-मुक्त, रसायन-मुक्त और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रयासरत हैं। किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों व शिक्षकों ने संकल्प लिया कि वे पर्यावरण, गौ-आधारित कृषि और आयुर्वेद आधारित स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान देंगे।

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