जयपुर। मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर द्वारा बिना डॉक्टर की सलाह के ली जाने वाली एंटीबायोटिक व अन्य दवाइयों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु विशेष नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को यह समझाना था कि स्वयं दवा लेना न केवल उपचार को प्रभावित करता है, बल्कि शरीर को दीर्घकाल में गंभीर नुकसान भी पहुँचा सकता है।
अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. विपिन जैन ने बताया कि आजकल कई लोग गूगल सर्च, जान-पहचान या मेडिकल स्टोर की सलाह के आधार पर दवाइयों का सेवन करने लगे हैं, जिनमें एंटीबायोटिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का गलत सेवन शरीर में एंटीबायोटिक-रेजिस्टेंट बैक्टीरिया पैदा करता है, जो एंटीबायोटिक दवाओं को बेअसर बना देते हैं। इससे न केवल संक्रमण ठीक होने में समय लगता है, बल्कि कभी-कभी दवाएं पूरी तरह काम करना भी बंद कर देती हैं।
डॉ. जैन ने बताया कि लगातार और बिना आवश्यकता के एंटीबायोटिक लेने से बैक्टीरिया दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, जिसे एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) कहा जाता है। इस स्थिति में संक्रमणों का उपचार कठिन हो जाता है और मरीज की हालत गंभीर हो सकती है।
मणिपाल हॉस्पिटल के इन्फेक्शन कंट्रोल विभाग की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. नेहा ने पूरे सप्ताह नुक्कड़ नाटक और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को समझाया कि किसी भी एंटीबायोटिक का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए। उन्होंने बताया कि गलत दवा लेने से शरीर को कितना नुकसान हो सकता है, इसका अनुमान लगाना आम लोगों के लिए संभव नहीं होता। यह आदत भविष्य में गंभीर और दर्दनाक परिणाम दे सकती है।
कार्यक्रम के दौरान मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर के डायरेक्टर रंजन ठाकुर ने कहा कि मणिपाल हॉस्पिटल सदैव जन-जागरूकता और समाजहित के कार्यों में अग्रणी रहा है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए इस नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, ताकि आमजन के मन में एंटीबायोटिक के सही उपयोग को लेकर समझ और जागरूकता विकसित हो।




















