जयपुर। छोटीकाशी के अयप्पा मंदिरों में मनाए जा रहे 41 दिवसीय मंडला विलक्कू महोत्सव में शुक्रवार को पत्रंड विलक्कू महोत्सव भक्तिभाव से मनाया गया। खातीपुरा, देवीनगर, गोपालपुरा स्थित श्री अयप्पा मंदिर में सुबह पल्लिउणर्त के साथ दिवस का आरंभ हुआ। शंख ध्वनि और स्वामी शरणम् अयप्पा शरणम् के मंत्रोच्चार से मंदिर परिसर गूंज उठा।
इसके बाद भक्तों ने विधि-विधान से गणेश हवन किया। भगवान अयप्पा का दूध, घी, शहद, नारियल पानी सहित विभिन्न पवित्र द्रव्यों से अभिषेक किया गया। शाम को उषा पूजा, पुष्पाभिषेक और महादीप आराधना का आयोजन हुआ। महिलाओं ने भगवान अयप्पा का आकर्षक फूलों की रंगोली से पुष्पालंकार किया और पारंपरिक चुट्ट विलक्कू समर्पित किया।
मंदिर परिसर में 1008 दीपों से तूक्कूविलक्कू प्रज्वलित किया गया। दीप स्तंभ 108 दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। महादीपाराधना के बाद श्री अयप्पा भजन समिति के कलाकारों ने भजन संध्या और पारंपरिक लोकनृत्य प्रस्तुत किया। शयन आरती के बाद भक्तों को अन्नप्रसादम वितरण किया गया।
केरला समाज के प्रवक्ता संजय कृष्णन ने बताया कि 41 दिवसीय यह महोत्सव 27 दिसंबर तक चलेगा। प्रतिदिन शबरीमाला की तर्ज पर विशेष पूजा-अर्चना होगी। जयपुर में रह रहे केरलवासी विधिवत व्रत रखकर इस महोत्सव में भाग ले रहे हैं और मकर संक्रांति पर शबरीमाला दर्शन के लिए प्रस्थान करेंगे।




















