मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती भक्ति भाव से मनाई

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जयपुर। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष सोमवार को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती भक्ति भाव से मनाई गई। देवालयों में ठाकुर जी की विशेष झांकी के दर्शन हुए। श्रद्धालुओं ने श्रीहरि भगवान विष्णु का पूजन कर व्रत रखा। लोगों ने गीता के पाठ किए। एकादशी का मुख्य आयोजन गोविंद देवजी मंदिर में हुआ। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन लाल रंग की जामा पोशाक धारण कराई गई।

पुष्पों और आभूषणों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। मंगला से शयन झांकी तक ठाकुर जी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सुबह मंदिर परिसर में गीता के पाठ हुए। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर जी मंदिर में महंत मलय गोस्वामी, पुरानी बस्ती के गोपीनाथ जी मंदिर में महंत सिद्धार्थ गोस्वामी के सान्निध्य में मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती भक्ति भाव से मनाई गई।

ठाकुर जी के समक्ष किया संकीर्तन

सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सानिध्य में मोक्षदा एकादशी उत्सव के रूप में मनाई गई। श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश छोटे दादा गुरुदेव श्री रसिक माधुरी शरण महाराज के 127 वें जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में भाव भरा संकीर्तन किया गया।

सुबह ठाकुर जी का वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक कर पुष्पों से श्रृंगार किया गया। गलता गेट स्थित गीता गायत्री मंदिर में पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सानिध्य में गीता जी का पूजन किया गया। प्रवक्ता नीतिश चैतन्य ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गीता पाठ किए।

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