
जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी)ने कार्रवाई करते हुए तीन फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने विदेशी मेडिकल डिग्री के बाद भारत में आवश्यक मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) परीक्षा पास न कर पाने पर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर ली थी। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसओजी विशाल बंसल ने बताया कि विदेशी मेडिकल डिग्री के बाद भारत में आवश्यक एफएमजीई परीक्षा पास न कर पाने पर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप करने वाले फर्जी डॉक्टर प्रियूष कुमार त्रिवेदी शुभम गुर्जर और देवेन्द्र सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है और तीनों ही दौसा जिले के रहने वाले है।
एडीजी बंसल ने बताया कि एसओजी को सूचना मिली थी कि डॉ. पियूष कुमार त्रिवेदी निवासी दौसा ने एफएमजीई परीक्षा में बार-बार असफल होने के बावजूद एक आपराधिक गिरोह की मदद से फर्जी एफएमजीई सर्टिफिकेट तैयार करवा लिया। इसी फर्जी प्रमाणपत्र के दम पर उसने एनएमसी (एनएमसी) से इंटर्नशिप की अनुमति प्राप्त की और उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज, करौली में इंटर्नशिप के लिए आवंटन भी मिल गया था। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद एसओजी ने प्रकरण दर्ज कर गहन जांच शुरू की।
16 लाख में खरीदे फर्जी दस्तावेज़
जांच में सामने आया कि आरोपी डॉ. पीयूष ने जॉर्जिया से एमबीबीएस की डिग्री ली थी। लेकिन भारत में प्रैक्टिस करने के लिए अनिवार्य एफएमजीई परीक्षा में वह 2022, 2023 और 2024 में लगातार तीन बार असफल रहा। बार-बार फेल होने पर उसने अपने परिचित डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर से संपर्क किया। देवेन्द्र ने अपने साथी डॉ. शुभम गुर्जर एवं अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर पीयूष को 16 लाख के बदले फर्जी एफएमजीई सर्टिफिकेट और एनएमसी रजिस्ट्रेशन दिलवाया।
एसओजी की गहन जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि यह गोरखधंधा केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं था। डॉ. शुभम गुर्जर ने खुद भी फर्जी एफएमजीई सर्टिफिकेट के आधार पर राजीव गांधी अस्पताल अलवर में और डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर ने भी इसी गिरोह के माध्यम से नकली प्रमाणपत्र प्राप्त किया और राजकीय मेडिकल कॉलेज, दौसा में अपनी इंटर्नशिप पूर्ण की।
एसओजी ने गिरफ्तार तीनों आरोपियों डॉ. पियूष, डॉ. शुभम और डॉ. देवेन्द्र को न्यायालय में पेश कर पुलिस अभिरक्षा प्राप्त की जा रही है। एसओजी अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक जाने की तैयारी में है। जांच का दायरा फर्जी एफएमजीई सर्टिफिकेट तैयार करने वाले मुख्य नेटवर्क, इसमें शामिल बिचौलियों और फर्जी डिग्री के आधार पर इंटर्नशिप कर चुके अन्य डॉक्टर्स की पहचान पर केंद्रित है।
एसओजी ने साफ किया है कि मेडिकल सेक्टर की पवित्रता और आमजन की सुरक्षा से जुड़े इस गंभीर अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।



















