जयपुर। पौष माह में सूर्य देव के साथ भगवान विष्णु और पितरों की पूजा की जाती हैं। इस मास में सूर्य को अर्घ्य देना और पितरों का तर्पण व श्राद्ध कर्म करना बहुत शुभ माना गया हैं। इस माह में आध्यात्मिक साधना और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं। इस बार पौष मास 5 दिसंबर शुक्रवार को राज योग और कुमार योग के शुभ संयोग में प्रारंभ होगा। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि पौष माह को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता हैं ।
इसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के के लिए पिंडदान,तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाता हैं। पूरे महीने इनकी पूजा करने से घर में खुशहाली और जीवन में मान-सम्मान, धन की प्राप्ति होती हैं। पौष महीने में सूर्य पूजा से सेहत अच्छी रहती हैं,व्यक्ति दीर्घायु होता हैं। आदित्य पुराण के अनुसार इस माह में प्रतिदिन तांबे के लोटे में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर ॐ सूर्याय नमः बोलकर अर्घ्य देना चाहिए और आदित्य हृदय स्तोत्र के नित्य पाठ भी करना चाहिए । हर रविवार को व्रत रखकर तिल, चावल की खिचड़ी और गुड़ सूर्यनारायण को अर्पित करें। इस माह गरम कपड़ों,कंबल,गुड़, दाल,तांबे के बर्तन का दान करना चाहिए।




















