जयपुर। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास रविवार सुबह ग्यारह अपने निवास से पैदल मार्च करते हुए कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ स्टेशन रोड स्थित मेटल फैक्ट्री पहुंचे। इस खाचरियावास के साथ विधायक अमीन कागजी ,कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज,गंगा देवी,सुमित शर्मा,राजकुमार शर्मा,रोहिताश सिंह, योगिता शर्मा सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता जुलूस के रूप में नारे लगाते हुए चल रहे थे। जहां खाचरियावास का रास्ते में जगह-जगह नागरिकों ने ढोल नगाड़े और फूल मालाओं से स्वागत किया और लोगों ने हाथों में मेटल फैक्ट्री के सभी 1 हजार 558 मजदूरों को 15-15 लाख रुपए दे राज्य सरकार की तख्तियां थी।
खाचरियावास ने कहा कि मेटल फैक्ट्री के मामले में बड़ा घोटाला हुआ है राज्य की भाजपा सरकार ने भारी भ्रष्टाचार कर दिया। इस 1000 करोड़ के घोटाले में मुख्यमंत्री सचिवालय की मिलीभगत है । नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के फैसले के आधार पर राज्य सरकार ने प्राइवेट कंपनी अल्केमिस्ट के जरिए भ्रष्टाचार कर मात्र तीन दिन में चीफ सेक्रेटरी और उद्योग सचिव के जरिए मेटल फैक्ट्री का कब्जा प्राइवेट कंपनी को दे दिया।
एनसीएलटी के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए राज्य की भाजपा सरकार को 45 दिन मिले थे और अब सिर्फ 12 दिन बचे हैं। सरकार को तुरंत सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के विरुद्ध याचिका दायर करनी चाहिए। वहीं प्राइवेट कंपनी को इतनी जल्दी कब्जा देकर राज्य सरकार ने साबित कर दिया की मजदूर को राज्य सरकार कुछ भी देना नहीं चाहती। मेटल फैक्ट्री के नीचे 60000 गज जमीन जिसकी बाजार दर 300000 रूपये प्रति गज है लगभग 2000 करोड़ रुपए की होती है और अंदर की मशीन भी 300 करोड़ से ज्यादा की है।
अल्केमिस्ट को सिर्फ 49 करोड़ के मूल के बदले ब्याज सहित 150 करोड़ रुपए देने हैं। ऐसे में राज्य सरकार को 2000 करोड़ रुपए की मेटल फैक्ट्री का कब्जा प्राइवेट कंपनी को देने की बजाय सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देना चाहिए था । मेटल फैक्ट्री की नीलामी करके प्राइवेट कंपनी को पूरे पैसे चुका कर राज्य सरकार मजदूरों को 15 से 25 लाख रुपए दे देती तो भी राज्य सरकार को 1000 करोड़ रुपए बचते। लेकिन राज्य सरकार ने भारी भ्रष्टाचार करके जल्दी बाजी में प्राइवेट कंपनी को कब्जा दे दिया। यह सीधे-सीधे बहुत बड़ा घोटाला है इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन शुरू किया है।
खाचरियावास ने कहा कि मेटल फैक्ट्री के 50 से ज्यादा मजदूर आत्महत्या कर चुके हैं ,1558 मजदूरों के सामने और उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट है। जो मजदूर रिटायर्ड हो गए, उनके सामने भी रोजी-रोटी का संकट है। खाचरियावास ने कहा जब तक राज्य सरकार मेटल फैक्ट्री के 1 हजार 558 मजदूरों को 15-15 लाख रुपए नहीं देगी और फैक्ट्री का कब्जा लेकर भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने नहीं रखेगी तब तक कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा।



















