मंदिर परिसर में गोविंद के चरणों में हुआ पोस्टर विमोचन

0
53
The poster was released at the feet of Govind in the temple premises.
The poster was released at the feet of Govind in the temple premises.

जयपुर। परमात्मा से सबकी बुद्धि को सन्मार्ग पर प्रेरित करने के लिए आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर के सत्संग भवन में रविवार, 14 दिसंबर को करोड़ों हस्तलिखित गायत्री महामंत्रों की परिक्रमा की जाएगी। गुरुवार को गोविंद देव जी के चरणों में आयोजन का पोस्टर अर्पित कर कार्यक्रम के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना की गई। गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी महाराज के सान्निध्य में मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी और समाजसेवी अमोल पाठक ने पोस्टर का विमोचन किया। गायत्री शक्तिपीठ में मां गायत्री और गुरु सत्ता से कार्यक्रम को सफल बनाने की प्रार्थना की गई।

परिक्रमा सुबह पांच से शाम सात बजे तक की जा सकेगी। परिक्रमा के दौरान ही सुबह नौ से बारह बजे तक निशुल्क पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ भी होगा। यज्ञ की सभी सामग्री मंदिर में उपलब्ध रहेगी। किसी भी तरह का सामान लाने की आवश्यकता नहीं है। निर्धारित समय के दौरान सभी को आहुतियां प्रदान करने का अवसर प्राप्त होगा। जिन लोगों ने कभी भी किसी भी मंत्र की परिक्रमा की उस संख्या के दसवें या सौवें हिस्से के हिसाब से आहुतियां प्रदान कर सकेंगे।

एक मंत्र जप से 24 देवताओं की परिक्रमा

ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि गायत्री देव माता है अर्थात देवताओं की मां है। गायत्री के 24 अक्षर अलग-अलग देवी-देवताओं के प्रतीक है। इसलिए एक बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करना 24 देवी-देवताओं की परिक्रमा करना है। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचन में कई बार यह बात दोहराते रहे हैं। परिक्रमा के दौरान गायत्री को सिद्ध करने वाले युग पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की आवाज में गायत्री महामंत्र का उच्चारण होता रहेगा। गायत्री को सिद्ध करने वाले व्यक्ति की आवाज के साथ जप को 2 हजार 400 गुणा अधिक प्रभावी बताया गया है।

यानि 24 गायत्री मंत्र जप की फलश्रुति 24 हजार मंत्र होगी। आज बुद्धि सबके पास है, लेकिन सबके पास सद्बुद्धि नहीं है। गलत विचार ही सारी समस्याओं का मूल कारण है। इन सबका एक मात्र समाधान गायत्री महामंत्र की शिक्षा है। सद्ज्ञान का दूसरा नाम ही गायत्री है। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है छंदों(मंत्रों) में गायत्री वे स्वयं हैं।

निशुल्क मिलेगी मंत्र लेखन पुस्तिका

गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा ने बताया कि छोटीकाशी में हजारों लोग प्रतिदिन गायत्री मंत्र लेखन करते हैं। एक मंत्र लेखन का फल जप की तुलना में दस गुणा अधिक बताया गया है क्योंकि मंत्र लिखने के दौरान शरीर का प्रत्येक अंग सक्रिय रहता है। श्रद्धालुओं को गायत्री मंत्र लेखन के लिए पुस्तिका का निशुल्क वितरण किया जाएगा। गायत्री मंत्र के प्रति श्रद्धा का प्रकटीकरण हो इसके लिए गायत्री चालीसा का भी निशुल्क वितरण किया जाएगा।

आधे मूल्य पर मिलेगा साहित्य

सत्संग भवन में गायत्री चेतना केंद्र, जनता कॉलोनी की ओर से बुक फेयर लगाया जाएगा। यहां धर्म, संस्कृति, संस्कार, महापुरुषों की जीवनी सहित अनेक विषयों पर पुस्तकें आधे मूल्य पर उपलब्ध रहेगी। वेद-पुराणों में गायत्री महामंत्र के आध्यात्मिक-वैज्ञानिक और भौतिक लाभ को सरल भाषा शैली में समझाने के लिए गायत्री महाविज्ञान की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here