जयपुर। आदित्य ज्योतिष शोध संस्थान के तत्वावधान में चल रही 24वीं श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस की कथा में नन्दमहोत्सव के साथ बाल कृष्ण की अद्भुत लीलाओ का वर्णन किया एवं प्रत्येक लीला के पीछे गूढ़ रहस्यों की जानकारी दी। पूतना के उद्धार का मार्मिक वर्णन किया। पूतना को देख कर बालकृष्ण द्वारा आँख बंद करने के विविध कारणों का उल्लेख किया।
मामा कंस द्वारा भेजें गये, सभी राक्षस रूपी खिलोनो के खेल खेल में तोड़ दिया। माखन चोरी, गोपियों के चीरहरण,और दामोदर लीला का वर्णन करते हुए बताया कि जीव और जगदीश के मध्य बस ढाई उंगल का अंतर,और यह अंतर कम होते हैं, भगवान बन्धन में आ जाते हैं। प्रभु द्वारा सार्वजनिक रूप से आपने बल का प्रदर्शन कर गोवर्धन पर्वत को उठा कर,ब्रज वासियों की रक्षा करी। प्रकृति, पर्यावरण ,गौ सेवा का स्वयं रक्षण करके पूरे जगत को संदेश दिया। गोपियों के विरह के साथ जीव और जगदीश के मिलन की रास के द्वारा मिलन की कथा का वर्णन किया। कंस उद्धार के साथ मथुरा में की लीलाओं का वर्णन किया।
रुक्मिणी मांगल्य में,रुक्मणी द्वारा द्वारकाधीश को लिखे पत्र का भावपूर्ण विवेचन किया। संस्थान की व्यवस्थापिका सुनीता कटारा ने बतलाया कि कल भगवान के सभी विवाह की, सुदामा चरित्र की विशेष कथा होगी। 31 दिसंबर को कथा का विराम होगा, यज्ञ के साथ भंडारा भी होगा।



















