कल्पना और समर्पण का संगम: स्पेस पेंटिंग शुभांशु शुक्ला को समर्पित

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जयपुर। कक्षा 4 में पढ़ने वाले मोनार्क कुमावत ने एक अनोखी अंतरिक्ष विषयक पेंटिंग बनाई है,जो खूब सराही जा रही है। इस पेंटिंग में एक अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनॉट) को ब्रह्मांड की गहराइयों में चाँद की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है। खास बात यह है कि यह कलाकृति मोनार्क ने शुभांशु शुक्ला को समर्पित की है- जो उनके लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।

चित्र में एक लाल रंग की सीढ़ी, ऊँचे भूरे पहाड़, गहरे नीले रंग का तारा-जड़ित आकाश और उसमें चढ़ता हुआ एक नन्हा अंतरिक्ष यात्री दर्शकों को किसी स्वप्नलोक में ले जाता है। एक तरफ दिख रही हरे-पीले रंग की आकृति कल्पना की उड़ान को और ऊँचा करती है।

मोनार्क ने यह पेंटिंग कार्डबोर्ड और विभिन्न रंगों की मदद से तैयार की है, जिसमें उन्होंने पूरी लगन से छोटे-छोटे हिस्सों को भी सजाया है। उनका यह चित्र यह दिखाता है कि कम उम्र में भी कल्पनाशीलता और भावना से भरपूर कला कैसे बनाई जा सकती है। मोनार्क कहते हैं, “ये पेंटिंग मैंने शुभांशु भैया को समर्पित की है। वे हमेशा मुझे कुछ नया सोचने और करने के लिए प्रेरित करते हैं।”

उनकी यह कलाकृति न केवल स्कूल में, बल्कि समाज में भी प्रशंसा पा रही है और कई लोग इसे एक “भावनात्मक अंतरिक्ष यात्रा” की संज्ञा दे रहे हैं। मोनार्क को पहले भी स्किल इंडिया चैंपियनशिप अवार्ड 2024 मिल चुका है।

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