गौशालाओं की ओर से गौ विश्वविद्यालय के गठन पर हुई सहमति

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A consensus was reached on the formation of a cow university on behalf of the cow shelters
A consensus was reached on the formation of a cow university on behalf of the cow shelters
  • 75 हजार गौशालाओं ने गौचर भूमि आयोग के गठन के लिए जताई सर्व सहमति
  • गौशालाओं के संवर्धन के लिए गौशाला आयोग के गठन की मांग

जयपुर। सांगानेर पिंजरापोल गौशाला स्थित जैविक वन औषधीय केंद्र में गुरूवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थं न्यास ,अयोध्या से पधारे परम पूज्य स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज व परम पूज्य अनंत विभूषित अवधेशाचार्य महाराज गलता तीर्थं पीठाधीश्वर के सानिध्य में अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के तत्वावधान में गौशालाओं के संवर्धन तथा संरक्षण के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम व गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक डॉ अतुल गुप्ता ने गोष्ठी में आए सभी आगंतुकों का स्वागत किया । गुप्ता ने बताया कि आज तक हम गौमाता को सिर्फ गौशालाओं में ही देखते थे परन्तु वर्तमान समय में गोमातायें सडकों पर आश्रयहीन अवस्था में घूमती हुई दिखती हैं तो मन व आत्मा को बहुत दुःख होता है l

“इस अवसर पर परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अतुल गुप्ता ने भारत राष्ट्र के प्रधान नायक नरेंद्र मोदी से गौ माता को राष्ट्र माता बनाए जाने का आव्हान किया , तथा सभी गौशालाओं की गौमूत्र व गाय के गोबर के माध्यम से स्वाबलंबी व आर्थिक सशक्तिकरण करने की दिशा में कार्य करने पर बल दिया l उन्होने बताया कि गाय हमारी आत्मा है। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में गौमाता का विशेष योगदान रहेगा। उन्होने भारतीय जनता पार्टी को अपने मैंडेट चुनाव के तुरंत बाद इसे प्रभावी रूप से इसे लागू करने का भी आव्हान किया ।

कार्यक्रम के समापन पर संगठन की महिला अध्यक्ष मोनिका गुप्ता ने पधारे हुए सभी आगंतुकों का धन्यवाद देते हुए गौ माता से जुड़े हुए सभी संभव प्रकल्पों के माध्यम से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी के महत्त्व तथा नारी शक्ति के सहयोग के साथ भविष्य में इस अलख को जलाये रखते हुए और जोरदारी से गौशालाओं के स्वावलम्बन के लिए सभी का आव्हान किया |”

ये हुए कार्यक्रम में शामिल

इस कार्यक्रम में विज्ञान भारती से मेगेन्द्र शर्मा , जीनस ग्रुप से आई० सी० अग्रवाल , मेघराज सिंह रत्नू (आई० ए० एस०), कार्यक्रम संयोजक मुकेश भारद्वाज , स्वागत प्रमुख राधेश्याम विजयवर्गीय , महिला अध्यक्ष मोनिका गुप्ता, संगीता गौड़ (अध्यक्ष – भारतीय जैविक महिला किसान उत्पाद संघ), डॉ० अरुण कसुंभीवाल (गौशाला विश्वविद्यालय प्रमुख), अनुराग शर्मा (कार्यक्रम विचार प्रमुख ), ऋषिराज सक्सेना (संगठन नवाचार प्रमुख), कान सिंह निर्वाण (प्रदेश प्रमुख – राजस्थान), नवीन भंडारी (गोकाष्ठ उद्यमिता प्रमुख) तथा पूरे राजस्थान राज्य के विभिन्न जिलों की लगभग 150 गौशालाओं से उनके अध्यक्ष व महामंत्री पधारे l

इन 9 बिंदूओं पर बनी सर्व सहमति

इस अवसर पर निम्न मुद्दों पर सर्वसहमति प्राप्त करने के पश्चात् मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में पधारे मेगेन्द्र शर्मा जी को आगामी बजट में अनुमोदन करने के लिए प्रस्ताव पेश किये गए:

1.राज्य में अधिकृत वित्त पोषित गौशालाओं की संख्या लगभग 3,500 है, जिनके पास कुल गौवंश लगभग 13 लाख के आस पास है l उसका गोबर एक दिन में प्रति गाय से लगभग 10 किलोग्राम निकलता है, जो एक दिन में 1 करोड़ 30 लाख कि. ग्रा. होता है l जो कि मासिक स्तर पर 3 करोड़ 90 लाख कि० ग्रा० तथा वार्षिक सत्तर पर 47लाख ,45 हजार टन होता है l इस गोबर की मात्रा का यदि उच्च गुणवत्ता का खाद तैयार किया जाए तो इसको ₹ 10/- प्रति कि० ग्रा० की दर से बेचा जाये तो राज्य सरकार को 47,45,00,00,000 (रूपए 47अरब 45करोड़ मात्र) रूपए की राजस्व की प्राप्ति होगी l

2.गौमूत्र मनुष्य एवं कृषि के लिए एक बहुमूल्य दवा है l गौमूत्र के कलेक्शन में सरलता लाने के लिए एमएनआईटी , आईआईटी कानपुर , आईआईटी मुंबई , आईआईटी दिल्ली , आईआईटी वाराणासी व अन्य आईआईटी के साथ एमओयू करके गौमूत्र कलेक्शन गैजेट्स का निर्माण कराया जाए l उस के लिए बजट में उचित प्रावधान किया जाए l

3 पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से सूखा चारा लाया जा रहा है l 1,76,000 हेक्टेयर उपजाऊ भूमि होने के वावजूद पशुओं को चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है l अतः नेपियर ग्रास की खेती को व्यावसायिक स्तर पर ग्रीन फोडर की समस्या के समाधान के लिए NGO व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए , इस के लिए भी बज़ट में प्रावधान किया जाए l

  1. इंटरनेशनल ट्रेड फेयर जो की 14 नवंबर से 29 नवंबर तक हर साल होता है, उसमें अलग से गौशालाओं के लिए बिक्री केंद्र निःशुल्क उपलब्ध कराया जाए, इसका प्रावधान रखा जाएl
  2. राज्य में अभी तक लगभग 3500 गौशालाओं में 13 लाख गौवंश है, तथा लगभग 1 करोड़ 37 लाख गौवंश गौशाला विहीन है l इसी क्रम में सरकार से अनुरोध है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 50 लाख गौवंश को गौशालाओं में स्थापित करने के लिए आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए प्रावधान करे l
  3. गौशालाओं में महिलाओं का स्थान कार्यकारिणी में होना चाहिए l
  4. गौवंश के गौलोकवास के उपरांत उनके विधिवत अंतिम संस्कार के लिए बजट में समुचित प्रावधान किए जाएं l
  5. गौशाला भूमि का गौशालाओं के नाम, नामांतरण प्रक्रिया सरल हो l इस उद्देध्य से गौचर भूमि के लिए केंद्र स्तर पर आयोग का गठन किया जाए l
  6. लाखों की तादात में गौ माताएं रोड पर अभी भी विचरण करती हैं, उनको और दुर्घटनाग्रस्त गौवंश को अनुकूल वाहन के द्वारा निकटतम गौशालाओं में पहुंचाने का प्रयास किया जाए, तथा उनके उपचार, रख रखाव, खाद्य सामग्री के लिए होने वाले व्यय के लिए एवं उसके लिए शेड आदि की व्यवस्था का बजट में प्रावधान किया जाए l

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