June 29, 2025, 8:13 am
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गुप्त वृंदावन धाम में होगा नरसिम्हा चतुर्दशी का भव्य आयोजन

जयपुर। वैशाख शुक्ल चतुर्दशी रविवार को भगवान नृसिंह के प्राकट्योत्सव के रूप में धूमधाम से शहर भर के विभिन्न मंदिरों में मनाई जाएगी।शाम होते ही नृसिंह लीला का आयोजन होगा। जयकारों के बीच आतिशबाजी और ढोल-नगाड़ों की धुनों पर नृसिंहजी खंभ फाड़ कर प्रकट होंगे। जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित होंगे।

श्री कृष्ण बलराम मंदिर,जगतपुरा

जगतपुरा इलाके में स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर के गुप्त वृंदावन धाम में रविवार 11 मई को नरसिम्हा चतुर्दशी का भव्य आयोजन किया जाएगा। नरसिम्हा चतुर्दशी के दिन कृष्ण बलराम का विशेष चंदन अलंकार किया जाएगा। इस अवसर पर गुप्त वृंदावन धाम की विशेष सजावट की जाएगी और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा। रंग-बिरंगे फूलों के साथ विभिन्न तरह के वृक्षों के पत्तों की बांदरवाल से मंदिर को दुल्हन की तरह तैयार किया जाएगा।

नरसिम्हा चतुर्दशी के दिन मंदिर मंदिर प्रांगण में विशेष फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी और भगवान का विशेष अलंकार किया जाएगा। वृंदावन धाम के वृंदावन गार्डन में नरसिम्हा यज्ञ का महा आयोजन होगा। जिसमें हजारों की संख्या में भक्त भाग लेंगे। नरसिम्हा चतुर्दशी के पावन अवसर पर मंदिर में चल रहीं तीन दिवसीय कथा का समापन भी होगा।

गुप्त वृन्दावन धाम के अध्यक्ष अमितासना दास ने नरसिम्हा चतुर्दशी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया की यह त्यौहार वैशाख महीने के शुक्ल की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है ,भगवान् नरसिम्हा, नरसिम्हा चतुर्दशी के दिन सूर्यास्त के समय प्रकट हुए थे और इसीलिए सूर्यास्त के समय ही भगवान् की पूजा अर्चना की जाती है। भक्त आज के दिन भगवान् नरसिम्हा की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं उन्हें एकादशी व्रत के सामान शुभ फल की प्राप्ति होती है और वैकुण्ठ लोक में स्थान मिलता है।

यहां भी होंगे विशेष आयोजन

गोनेर स्थित श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर में, बंसी वाले बाबा की बगीची, बगरू वालों का रास्ता में नृसिंह लीला का आयोजन होगा। खजाने वालों का रास्ता स्थित नृसिंह मंदिर, सूरजपोल स्थित रामानुज संप्रदाय के नृसिंह मंदिर और पांच बत्ती स्थित देवस्थान विभाग के नृसिंह भगवान के मंदिर में भी आयोजन होंगे। उल्लेखनीय है कि भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए इसी दिन नृसिंह अवतार लिया था। नृसिंह भगवान का स्वरूप आधे शेर और आधे मनुष्य का था। चतुर्दशी तिथि 10 मई की शाम 5:29 बजे से शुरू हो गई जो 11 मई को रात्रि 9:19 बजे तक रहेगी। इसलिए नृसिंह जयंती 11 मई को मनाई जाएगी।

रविवार को भगवान विष्णु के उग्र स्वरूप नृसिंह का पूजन किया जाएगा। चांदपोल बाजार के नींदड राव जी का रास्ता स्थित मंदिर श्री नृसिंह ज अग्रवाल पंचायत समिति में नृसिंह जयंती पर विभिन्न आयोजन होंगे। समिति के अध्यक्ष चेतन अग्रवाल और महामंत्री कैलाश अग्रवाल ने बताया कि सुबह नृसिंह भगवान का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। नवीन पोशाक धारण कराकर ऋतु पुष्पों से श्रृंगार किया जाएगा।

शीतलता प्रदान करने वाले व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। । चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव मंदिर में रविवार को श्री नृसिंह लीला और सोमवार को वराह लीला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह लीला जयपुर की सबसे पुरानी परम्पराओं में से एक मानी जाती है। इसकी शुरुआत जयपुर नरेश सवाई मानसिंह ने विशेष प्रयोजन से की थी। 51 किलो वजनी मुखोटों एवं वस्त्रों के साथ लीला प्रदर्शन श्रद्धा और परम्परा का अद्भुत उदाहरण है। नृसिंह अवतार की खंभा फाडक़र प्रदर होने की लीला और वराह अवतार की पृथ्वी उद्धार की झांकी आकर्षण का केन्द्र रहेगी।

इसमें समूचे भारतवर्ष से श्रीमद् वल्लभ कुल के पुष्टी आचार्य भी शामिल होंगे। इसी दिन गोस्वामी भट्ट तैलंग ब्राह्मण समाज का वैवाहिक परिचय सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। अगले दिन 18 मई को बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार एसएफएस सामुदायिक भवन में किया जाएगा। इसकी व्यवस्था का दायित्व समिति के केशव तैलंग, गोपेश भट्ट, योगेश रेही, नलिन भट्ट, रविन्द्र गोस्वामी, सुनील भट्ट, मनीष तैलंग, सुशीला शर्मा, वीना गोस्वामी, अंशु भट्ट को सौंपा गया है।

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