फर्जी इमीग्रेशन ऑफिसर बनकर महिला से ठगे 23.85 लाख

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जयपुर। शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चित्रकूट थाना पुलिस ने महज 48 घंटे में दो शातिर ठगों को उत्तराखंड के देहरादून से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी सगे भाई है और खुद को विदेश मंत्रालय का अधिकारी बताकर महिलाओं को धोखा देते थे।

जो शादी की जीवन साथी डॉट कॉम वेब साइट के जरिए मिलते थे। जयपुर में दर्ज एक केस की जांच करते हुए पुलिस ने दोनों बदमाशों को पकड़ा है और साथ ही 23.85 लाख रुपए बरामद किए हैं। आरोपियों को पास पुलिस को फर्जी आई कार्ड और एक पीड़ित महिला का क्रेडिट कार्ड मिला है। फिलहाल आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।

पुलिस उपायुक्त पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चित्रकूट थाना पुलिस ने आरोपी सन्नी नाहर (40) और विक्की नाहर (33) सुभाष नगर क्लेमेन्ट टाउन देहरादून उत्तराखण्ड को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपी सगे भाई है। इनमें से मुख्य आरोपी सन्नी नाहर है, जो खुद को इमीग्रेशन अधिकारी बताता है जबकि उसका साथ देने उसका छोटा भाई विक्की है। जो झूठी कहानी गढने में अपने भाई की मदद करता है।

पुलिस उपायुक्त पश्चिम ने बताया कि पीड़िता और मुख्य आरोपी सन्नी नाहर की मुलाकात जीवन साथी डॉट कॉम वेबसाइट के जरिए हुई। बातचीत के दौरान सन्नी ने खुद को विदेश मंत्रालय में ए ग्रेड इमीग्रेशन ऑफिसर बताया और व्हाट्सएप पर फर्जी सरकारी आईडी कार्ड भेजकर पीड़िता का विश्वास जीत लिया।

शादी का झांसा और सरकारी नौकरी का लालच

पुलिस उपायुक्त पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि आरोपी ने पीड़िता से वीडियो कॉल पर विदेश मंत्रालय का फर्जी लोगो दिखाया और खुद को इंटरव्यू पैनल का सदस्य बताया। उसने पीड़िता के भाई-बहनों को विदेश मंत्रालय में सरकारी नौकरी और ऑस्ट्रेलिया में वर्किंग वीजा दिलाने का झांसा दिया। इसके बाद धीरे-धीरे अलग-अलग बहानों से पीड़िता से 23.85 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। आरोपी ने पीड़िता का क्रेडिट कार्ड भी हासिल कर लिया और उसे भी इस्तेमाल किया।

भाई- बहन की नौकरी लगवाने का झांसा दिया

आरोपी ने इंटरव्यू के बेस पर विदेश मंत्रालय में पीड़िता के भाई- बहन की नौकरी लगवाने का झांसा दिया। साथ ही ऑस्ट्रेलिया में वर्किंग वीजा बनाने का झांसा दिया। पीड़िता से 23 लाख 85 हजार रुपए ट्रांसफर करवाने के बाद से पीड़िता का फोन उठाना और उस से सम्पर्क करना बंद कर दिया। इस पर पीड़िता की ओर से थाने में रिपोर्ट दी गई।

शादीशुदा होने के बावजूद खुद को बताया अविवाहित

पुलिस ने मामले की गंभीरता लिया और एक विशेष टीम का गठन कर तकनीकी जांच और ट्रैकिंग के जरिए महज 48 घंटे में दोनों आरोपियों को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि सन्नी ने पीडिता को अपने बारे में बताया था कि वह अविवाहित है जबकि जांच में सामने आया है कि उसका दो साल का एक बच्चा भी है।

पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों को होल्ड करवाया तथा आरोपियों के कब्जे से फर्जी इमीग्रेशन ऑफिसर आईडी और पीड़िता का क्रेडिट कार्ड बरामद किया। पुलिस को शक है कि दोनों आरोपी भाइयों ने मिलकर इसी तरह कई अन्य महिलाओं को भी ठगा हो सकता है। जिसकी जांच की जा रही है।

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