थाईलैंड से आए नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने किया राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में दौरा

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A nine-member delegation from Thailand visited the National Institute of Ayurveda
A nine-member delegation from Thailand visited the National Institute of Ayurveda

जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार) ओर डिपार्टमेंट ऑफ थाई ट्रेडिशनल एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन (जन स्वास्थ्य मंत्रालय,थाईलैंड) के मध्य आयुर्वेद एवं थाई पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु 27 फरवरी को एमओयू किया गया था।

इसके अंतर्गत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यक्रमों गतिविधियों और चिकित्सा पद्धति को देखने और जानकारी लेने के साथ डिपार्टमेंट ऑफ थाई ट्रेडिशनल एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों एवं गतिविधियों की जानकारी को आमजन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए साझा किया जाएगा।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बताया कि भारत और थाईलैंड की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ जीवन विज्ञान पर आधारित हैं और इनकी जड़ें समान हैं।

उन्होंने कहा आयुर्वेद भारत में स्थापित चिकित्सा परंपरा है, तो थाई ट्रेडिशनल मेडिसिन भी वहाँ की समृद्ध धरोहर है। दोनों के सिद्धांत एक-दूसरे से मिलते हैं। इस एमओयू के तहत हम शोध, फैकल्टी और विद्यार्थियों का आदान-प्रदान करेंगे और मिलकर नई संभावनाओं पर काम करेंगे। ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप का गठन करेंगे, दोनों संस्थाओं के विद्यार्थियों के लिए फैकल्टी द्वारा लेक्चरर की सीरीज बनाई जाएगी।

दोनों देशों के फार्माकोपियल मोनोग्राफ का विश्लेषण करेंगे। साथ ही बहुत जल्दी थाई मेडिसिन स्टडी और रिसर्च के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में केंद्र स्थापित किया जाएगा और थाईलैंड के अंदर आयुर्वेद की पढ़ाई और रिसर्च के लिए केंद्र स्थापित किया जाएगा।

यह पहल वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। आयुष मंत्रालय का लक्ष्य है कि आयुर्वेद को वैश्विक पटल पर स्थापित किया जाए। इस दिशा में थाईलैंड जैसे देशों के साथ सहयोग अहम भूमिका निभा सकता है।

इस दौरान थाई प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान के विभिन्न विभागों को विजिट कर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की कार्यप्रणाली और शोध गतिविधियों को नजदीक से समझा।

प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले संस्थान के ओपीडी का निरीक्षण किया। यहाँ उन्हें रोगियों को दी जाने वाली आयुर्वेदिक परामर्श और उपचार पद्धति दिखाई गई। इसके बाद उन्होंने पंचकर्म विभाग का दौरा किया, जहाँ शोधन और शमन जैसी विशिष्ट चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी ली। दल ने क्रिया शरीर विभाग की एडवांस ह्यूमन फिजियोलॉजी लैब, सेंट्रल लैब, सिम्युलेशन लैब, फार्मेसी विभाग, एनाटॉमी विभाग और ड्रग लैब का भी अवलोकन किया। आधुनिक तकनीक और आयुर्वेदिक शोध को साथ देखकर प्रतिनिधिमंडल ने इसे अनूठा अनुभव बताया।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि संस्थान में पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक प्रयोगशालाओं का संगम देखकर वे प्रभावित हुए। पंचकर्म चिकित्सा प्रक्रिया को देखा और कहा कि यह केवल शारीरिक शुद्धि नहीं बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करती है। आयुर्वेद और थाई पारंपरिक चिकित्सा का यह संगम जनस्वास्थ्य को नई दिशा देगा और बेहतर जीवनशैली अपनाने में मदद करेगा।

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