जयपुर। सुहाग पर्व करवा चौथ कई विशेष योग-संयोगों में मनाया जा रहा है । करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत कर अखंड सुहाग की कामना करते हुए रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देंगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 24 साल बाद करवा चौथ पर दुर्लभ ज्योतिषीय योगों का निर्माण हो रहा है, जो दाम्पत्य जीवन के लिए शुभ है। ज्योतिषीय गणना के आधार पर करवा चौथ के दिन गज केसरी, महालक्ष्मी के साथ शश, समसप्तक, बुधादित्य जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। साथ ही सूर्य और बुध बुधादित्य योग का निर्माण कर रहे है। इसी प्रकार शुक्र के वृश्चिक राशि में आने वह गुरु के साथ मिलकर समसप्तक योग का निर्माण कर रहे हैं। शनि अपनी राशि कुंभ में रहकर शश राजयोग का निर्माण कर रहे हैं।
इसके अलावा चंद्रमा वृषभ राशि में गुरु के साथ युति करके गज केसरी और मिथुन राशि में मंगल के साथ युति करके गज केसरी राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। इस योग में चंद्रमा को अघ्र्य देने से सुहागिन महिलाओं की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी। इस दिन चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र भी करवा चौथ के दिन को और भी खास बना रहा है।
चीनी और मिट्टी के करवे की जमकर हुई खरीददारी
शनिवार को महिलाओं ने चीनी और मिट्टी के करवे और पूजन सामग्री की खरीददारी की। चारदीवारी सहित अन्य बाजारों में चीनी के करवा से लेकर डिजाइनर और चांदी के करवे की जमकर बिक्री हुई। शादी के बाद पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली नव विवाहिताओं में खासा उत्साह देखा गया। देर शाम तक महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी रचाई और ब्यूटी पार्लर में जाकर शरीर की रंगत निखारी।
विद्याधरनगर में नेशनल हेंडलूम, मालवीनगर में जीटी, वैशालीनगर में आम्रपाली सर्किल सहित टोंक रोड, सांगानेर, राजापार्क, मानसरोवर, सी स्कीम, चार दीवारी सहित अन्य जगहों पर महिलाओं ने हाथों पर मेंहदी मंडवाई।