भांकरोटा अग्निकांड में 58 दिन बाद उपचाराधीन महिला ने दम तोड़ा, अब तक 21 की मौत

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जयपुर। भांकरोटा अग्निकांड में झुलसी एक महिला ने उपचार के दौरान 58 दिन बाद दम तोड़ दिया। महापुरा की रहने वाली नीरा शर्मा का दो महीने से सवाई मान सिंह अस्पताल के बर्न वार्ड में इलाज चल रहा था। शनिवार रात वे जिंदगी की जंग हार गईं। इस ब्लास्ट केस में यह 21वीं मौत है। नीरा शर्मा के पति रमेश शर्मा का अभी घर पर ही इलाज चल रहा है।

हादसे वाले दिन 20 दिसंबर 24 को दोनों (नीरा और रमेश) घर से मोटरसाइकिल लेकर निकले थे। तभी भांकरोटा के पास एलपीजी टैंकर ब्लास्ट में दोनों 70 फीसदी तक झुलस गए थे। इसके बावजूद दोनों घटनास्थल से 2 किमी तक पैदल चले थे। हादसे के बाद से ही परिवार आर्थिक तंगी और मुसीबतों का सामना कर रहा है। बेटी सदमे के चलते अपनी सहेली के घर रह रही है। बेटे की पढ़ाई तक छूटने की नौबत आ गई है। हादसे में घायल रमेश ने कहा कि नीरा रोजाना उसे हिम्मत देती थी , कहती थी सब अच्छा होगा। लेकिन अब उसके चले जाने के बाद उसको सांत्वना कौन देगा।

20 दिसंबर 24 को महापुरा अजमेर रोड निवासी नीरा शर्मा और उनके पति सी स्कीम काम पर जाते समय एलपीजी गैस विस्फोट की चपेट में आ गए थे। एसएमएस हॉस्पिटल में उनका बीते 58 दिनों से इंटेंसिव केयर यूनिट में इलाज चल रहा था। स्किन न मिल पाने के कारण उनकी सर्जरी नहीं हो पा रही थी। इसकी वजह से इन्फेक्शन लगातार फैलता जा रहा था। सर्जरी के लिए शरीर से ही स्किन ली जाती है।

उसी से जली हुई स्किन को रिपेयर किया जाता है। महिला के शरीर पर बिना झुलसी स्किन ही नहीं बची थी, जिससे की उनका इलाज हो पाता। महिला ने पिछले चार-पांच दिन से खाना-पीना और बातचीत करना भी बंद कर दिया था। शनिवार शाम 4.30 बजे उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया। रात करीब 9.40 पर उन्होंने दम तोड़ दिया।

उनके पति रमेश शर्मा और महेंद्र गढ़ (हरियाणा) निवासी कपिल कुमार ही इस ब्लास्ट काण्ड में भर्ती 34 घायलों में से आखिरी बचे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कपिल कुमार को जनवरी में और रमेश शर्मा को 4 फरवरी को एसएमएस बर्न वार्ड की आईसीयू से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया था।

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