जयपुर। राजधानी जयपुर में स्थित केन्द्रीय कारागार से बुधवार को पुलिस कन्ट्रोल पर फोन कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को गोली मारने करने की धमकी देने में कार्रवाई शुरू चालू हो चुकी है। पुलिस महानिदेशक जेल भूपेन्द्र दक से गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह ने घटना को लेकर पूरी रिपोर्ट मांगी हैं। पुलिस महानिदेशक जेल ने बुधवार देर हेड वार्डन अजय सिंह राठौड़ व वार्डन मनीष कुमार यादव को निलबिंत कर जयपुर से बाहर भेज दिया गया है।
जब तक इन दोनों की जांच नहीं होगी तब तक ये दोनों जिले में नहीं आएंगे। जेल में मोबाइल फोन पहुंचने के पीछे इन दोनों की ही जिम्मेदारी मानी जा रही है। जिस बंदी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया था उसे कुछ दिन पहले ही सेंट्रल जेल परिसर में स्थित जिला जेल से सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। पहले वह विचाराधीन चल रहा था और कुछ समय पहले उसकी सजा तय होने के बाद उसे बड़ी जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
उसका नाम मुन्ना बताया जा रहा है। उधर इस मामले में लालकोठी थाने में केस दर्ज कराया गया है। लालकोठी पुलिस ने देर रात ही धमकी देने वाले आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। जिसे कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में एक नहीं तीन आरोपी हैं। एक जिसके पास फोन था, दूसरा जिसके पास सिम थी और तीसरा आरोपी फोन कर धमकी देने वाला था। उससे पूछताछ की जा रही है कि यह मोबाइल फोन कहां से और किसने दिया। वहीं गुरुवार सुबह कार्यवाहक जेल अधीक्षक ओम प्रकाश को भी हटा दिया हैं। वर्तमान में जयपुर सेंट्रल जेल में ओमप्रकाश अधीक्षक के पद पर हैं। ओमप्रकाश अगस्त 2023 से कार्यवाहक जेल अधीक्षक के पद पर लगे हुए थे।
गौरतलब है कि जयपुर सेंट्रल जेल में पॉक्सो एक्ट में पांच साल से बंद बंदी ने बुधवार सुबह जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को गोली मारने की धमकी दी थी। इसके बाद सूचना मिलने पर पुलिस के आलाधिकारी सेंट्रल जेल पहुंचे और जांच पड़ताल करते हुए फोन करने वाले दो बंदियों से मोबाइल जब्त किया गया है। वहीं जेल प्रशासन ने बुधवार रात हेड वार्डन अजय सिंह राठौड़ व वार्डन मनीष कुमार यादव को सस्पेंड कर दिया था।